Reality of Pakistan : अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता की सीढ़ी चढ़ाने में पाकिस्तान का हाथ रहा है यह बात जग-जाहिर है। अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ पंजशीर की नार्दन अलायंस ने मोर्चा खोल रखा है और पंजशीर के शेर तालिबानी आतंकवादियों पर पिछले एक पखवाड़ें से भारी पड़ते रहे है। जब तालिबान की पंजशीर में दाल नहीं गल पाई तो उसने अपने आका पाकिस्तान का सहयोग मांगा और पाकिस्तान के न सिर्फ आतंकी संगठन बल्कि पाकिस्तान सेना के विशेष दस्ते भी तालिबान के साथ मिलकर पंजशीर में लड़ाई लडऩे लगे। पाकिस्तान सेना के लड़ाकू विमानों और ड्रोन के जरिए पंजशीर में बमबारी किए जाने की खबर है।
इससे पंजशीर की नार्दन एलायंस को भारी नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है। तालिबान ने तो पंजशीर को जीतने का भी दावा किया है, तालिबानी प्रवक्ता के अनुसार नाईन अलायंस के कई कमांडर मारे गए है और पंजशीर पर अब तालिबान का कब्जा हो गया है। हालांकि इस बारे में अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है क्योंकि पंजशीर में अभी भी लड़ाई चल रही है। किन्तु इससे एक बात तो दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ हो गई है कि तालिबान को पाकिस्तान (Reality of Pakistan) का न सिर्फ समर्थन बल्कि पूरा सहयोग भी मिल रहा है।
पाकिस्तान ने तालिबान के साथ मिलकर पंजशीर में जंग छेड़ी है और पाकिस्तानी आतंकी संगठन तालिबान के साथ मिलकर पूरे अफगानिस्तान में आतंक का माहौल बना रहे है। पाकिस्तान के इशारे पर ही तालिबान सरकार का गठन होने जा रहा है जाहिर है इसमें पाकिस्तान की ही सबसे बड़ीे भूमिका है। तालिबान ने अपनी सरकार के गठन के दौरान छह देशों को आमंत्रित किया है जिसमें पाकिस्तान, चीन, रूस और कतर तथा ईरान शामिल है। ये सभी देश अमेरिका के विरोधी रहे है। तालिबान जिस तरह पाकिस्तान के हाथों की कठपुतली बना हुआ है उससे भारत की चिंता स्वाभाविक है।
यह वजह है कि अफगानिस्तान के ताजा हालातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें अफगानिस्तान को लेकर नीति तय की जाएगी। पाकिस्तान (Reality of Pakistan) तो हमारा परम्परागत प्रतिद्वंदी रहा है और पाकिस्तान से भारत की तना-तनी अभी भी चल रही है। कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान विश्व मंचों पर जब तब बेसूरा राग अलापता रहा है और अब उसने तालिबान का भी सहयोग मांग है इसलिए भारत को अब विशेष रूप से सावधानी बरतनी होगी।