-दास ने कहा रिजर्व बैंक लोगों के हितों की पूर्ति करने वाले नवाचारों को दबाने के पक्ष में नहीं
मुंबई। RBI Governor big statement: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मानना है कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक गंभीर मुद्दा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम के दौरान टिप्पणी की कि क्रिप्टो बाजार वित्तीय स्थिरता के लिए अच्छा नहीं है। हम क्रिप्टो से जुड़े कई जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और इससे ठीक से निपटना चाहिए।
आपको ये लेन-देन करने वालों से पूछना चाहिए कि आप किसे, क्या और क्यों दे रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी की अभी भी कोई विश्वसनीय परिभाषा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि क्रिप्टो क्या कर सकता है और सीबीडीसी क्या नहीं कर सकता।
दास ने कहा रिजर्व बैंक लोगों के हितों की पूर्ति करने वाले नवाचारों को दबाने के पक्ष में नहीं है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और एनबीएफसी क्षेत्र वर्तमान में मजबूत स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक सुशासन पर जोर देता है और अच्छे आंकड़े इसे दर्शाते हैं।
इन बिंदुओं पर जोर
सुशासन के संबंध में आरबीआई तीन बिंदुओं पर जोर देता है। उन्होंने बताया कि इसमें जोखिम प्रबंधन, अनुपालन और आंतरिक ऑडिट शामिल है।
निजी बैंकों के कर्मचारियों द्वारा नौकरी छोडऩे की प्रवृत्ति भी निजी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों में नौकरी छोडऩे की प्रवृत्ति अधिक देखने को मिलती है। आरबीआई इस मामले पर करीब से नजर रख रहा है। दास ने कहा कि आरबीआई इसे अपने नियामक पर्यवेक्षण प्रयासों के हिस्से के रूप में देख रहा है।
दास ने कहा कि कुछ बड़े निजी क्षेत्र के बैंकों में 30 प्रतिशत से अधिक की नौकरी छोडऩे की खबरें आई हैं। ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए हर बैंक को एक कोर टीम बनानी होगी। उन्होंने कहा कि नौकरी बदलने को लेकर युवाओं का करियर नजरिया बदला है। उन्होंने यह भी कहा कि युवा अब इस पहलू पर ‘अलग ढंग से सोच रहे हैं।
जीडीपी के आंकड़े चौंका देने वाले हैं
दास के मुताबिक, अर्थव्यवस्था में विकास की गति मजबूत है और दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े सभी को चौंका देंगे। भू-राजनीतिक अनिश्चितता वैश्विक विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है, लेकिन दास ने कहा कि भारत किसी भी संभावित खतरनाक स्थिति का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में है।