Ravi Chandran Ashwin’s retirement from cricket: भारतीय क्रिकेट टीम के ऑफ स्पीनर 38 वर्षीय रवि चंद्रन आश्विन ने आस्ट्रेनिया दौरे के दौरान ही इंटरनेशनल क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। आश्विन भारतीय क्रिकेट टीम के न सिर्फ बेहतरीन गेंदबाज थे, बल्कि उन्होंने अपने बल्ले से भी कई बार कमाल दिखाया है और खुद को टीम इंडिया का ऑल राउंडर खिलाड़ी साबित किया है।
भारतीय क्रिकेट टीम को कई बार उन्होंने जीत दर्ज कराने में अहम भूमिका निभाई है। क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में आश्विन ने 765 विकेट लिये है। भारतीय स्पीनर अनिल कुबले के बाद आर आश्विन ही दूसरे ऐसे स्पीनर है जिन्होंने सर्वाधिक विकेट अपने नाम किये है। उनमें अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी भी यदि वे और एक या दो साल खेल खेले तो जाहिर है वेे और नये रिकॉर्ड बनाकर जाते।
किन्तु उन्होंने अचानक क्रिकेट से रिटायरमेन्ट लेकर सबको चौका दिया है। इससे उनके प्रशंसकों में मायूसी देखी जा रही है। वैसे तो हर क्रिकेटर को एक न एक दिन क्रिकेट से संन्यास लेना ही पड़ता है लेकिन जब कोई क्रिकेट खिलाड़ी अचानक क्रिकेट से किनारा करने की घोषणा करता है तो उनके प्रशंसकों को आघात लगना स्वाभाविक है।
आर आश्विन ने 2000 तक में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला वन-डे मैच खेला था और इसके बाद वे लगातार वन-डे, टी20 और टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन कर विकेट लेने का कीर्तिमान बनाते गए।
वे न सिर्फ एक बेहतरीन ऑफ स्पीनर थे बल्कि उनके बल्ले ने भी जमकर रन उगले हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने साढ़ेे तीन हजार से ज्यादा रन बनाये हैं।
जिनमें छह शतक भी शामिल है इस तरह उन्होंने टीम इंडिया के लिए एक बेहतरीन ऑल राउंडर की भूमिका भी निभाई है। आर आश्विन ने भले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन क्रिकेट प्रेमी उन्हें कभी नहीं भुला पाएंगे। भारतीय क्रिकेट टीम भी टीम इंडिया को इस मुकाम पर पहुंचाने में आर आश्विन के योगदान को नहीं भूलेगी।