Politics of Maharashtra : यह ठीक है मोहब्बत और अदावत की तरह सियासत में भी सब कुछ जायज होता है लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि सत्ता के लिए किसी राज्य का माहौल बिगाड़ा जाएं। महाराष्ट्र में चल रही उठापटक के बीच अब धमकी चमकी की राजनीति भी शुरू हो गई है। लोगों को उकसाने वाले विवादास्पद बयान दिए जा रहे है जिसकी वजह से छिट पुट ङ्क्षहसक घटनाएं होने लगी है। महाराष्ट्र में स्थिति सामान्य रहे यह सभी की जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार अल्पमत में आ चुकी है।
एकनाथ शिन्दे (Politics of Maharashtra) के नेतृत्च में शिवसेना के ३८ विधायक बागी हो चुके है। अब उन्होने सरकार से समर्थन वापस लेने की भी घोषणा कर दी है और इस बागी गुट के जिन १६ विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने नोटिस जारी किया है उसके खिलाफ शिन्दे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और फ्लोर टेस्ट कराने की तथा शिवसेना के बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
मामला अब विधानसभा और सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है तो ऐसी स्थिति में शिवसेना के दोनों गुटों को महाराष्ट्र में अप्रीय स्थिति पैदा करने से परहेज करना चाहिए, किन्तु शिवसेना के बड़बोले प्रवक्ता संजय राउत लगातार भड़काऊ बयानबाजी कर के आग में घी डालने का काम कर रहे है। उनके इस तरह से भड़काऊ बयानों से ही महाराष्ट्र में माहौल खराब हो रहा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो महाराष्ट्र में स्थिति आगे चल कर और बिगड़ सकती है।
सत्ता के लिए सड़कों पर संघर्ष करना कतई उचित नहीं है। शक्ति प्रदर्शन सड़क पर नहीं सदन में होना चाहिए और जिसके साथ बहुमत हो उसको सरकार बनाने की अनुमति मिलनी चाहिए। यही एक रास्ता है जिसपर चलना लोकतंत्र के हित में है। लोगों को उकसाना और तनाव बढ़ाकर संघर्ष की स्थिति निर्मित करना कतई उचित नहीं है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे को चाहिए कि वे अपनी पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत को नसीहत दें कि वे संयम रखें ताकि महाराष्ट्र में माहौल खराब न हो।
वैसे भी संजय राउत खुद अब ईडी के निशाने पर आ गए है। १००० करोड़ रूपए के जमीन घोटाले में ईडी ने संजय राउत को तलब किया है। ईडी के इस कदम का भी संजय राउत ने विरोध किया है और कहा है कि राजनीतिक बदले के लिए उनके खिलाफ ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन वे डरने वाले नहीं है।
संजय राउत (Politics of Maharashtra) अगर सच्चे है तो उन्हे ईडी की जांच का सामना करना चाहिए। यदि वे पाक साफ होंगे तो ईडी क्या कोई भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। इस मामले में भी उन्हे संयम बरतना चाहिए। अन्य नेताओं को भी जो महाराष्ट्र की राजनीति में आए भूचाल को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे है उन्हे भी ऐसे बयानों से बचना चाहिए ताकि महाराष्ट्र का माहौल न बिगड़ पाएं