रायपुर/नवप्रदेश। Dharma Sansad Dispute : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर संत कालीचरण के अमर्यादित टिप्पणी के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री, मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा अन्य कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों ने संत के बयान की कड़ी निंदा करते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने महाराज कालीचरण के खिलाफ धारा 505(2) और 294 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को रायपुर में आयोजित धर्म संसद 2021 में महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर कई विवादित बयान दिए। उन्होंने सन 1947 में हुए भारत के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया और महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल भी किया। संत कालीचरण ने कहा कि ‘सन 1947 में हमने यह देखा है कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर इस्लाम ने कब्जा किया। मोहनदास करमचंद गांधी ने देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को जिन्होंने उन्हें मार दिया।
महंत रामसुंदर ने छोड़ा मंच
कालीचरण महाराज के बाद धर्मसंसद (Dharma Sansad Dispute) में हंगामा मच गया। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने महाराज कालीचरण के बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए अगले साल धर्म संसद में शामिल नहीं होने की बात कही। महंत रामसुंदर दास ने कहा कि धर्म संसद मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बातें कही गई है। हम इसका विरोध करते हैं। मैं इस कार्यक्रम से ताल्लुक नहीं रखता। यह कहते हुए वे मंच छोड़कर चले गए।
पुरे देश का हुआ अपमान- मरकाम
धर्म संसद में कालीचरण महाराज द्वारा महात्मा गांधी पर किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद देर रात पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम राजधानी के सिविल लाइन थाने पहुंचकर संत कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करवाने शिकायत की गई है। मरकाम ने कहा कि कालीचरण बाबा ने जिस तरह से गांधी जी का अपमान किया है ये पूरे देश का अपमान है,इसे सहा नहीं जायेगा।
विधि सम्मत कार्रवाई होगी – CM भूपेश
इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी विवादित टिप्पणी (Dharma Sansad Dispute) पर भड़के। सतना रवाना होने से पहले एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बड़े ही तल्ख अंदाज में कहा कि समाज में जहर घोलने की कोशिश की तो सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ शांति, प्रेम और भाईचारे की धरती है। हिंसात्मक बातें यहां बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राष्ट्र पिता के बारे में इस तरह की बातें कहा जाना निश्चित रूप से यह दर्शाता है कि बोलने वाले की मानसिक स्थिति क्या है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रशासन की ओर से जितने कड़े से कड़ा कदम हो सकता है उठाया जाएगा। इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई होगी चाहे वह व्यक्ति कोई भी हो। समाज में जहर घोलने की कोशिश करेंगे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, FIR दर्ज हो चुकी है। मामला पुलिस देख रही है, जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उसके मुताबिक कार्रवाई होगी।
सीएम भूपेश भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा अब भाजपा नेता मौन क्यों हैं। इतनी बड़ी टिप्पणी पर बयान क्यों नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, पिछले कुछ महीनों से भाजपा प्रदेश में धर्मांतरण और साम्प्रदायिकता का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, जो सफल नहीं हो पायेगी।
नेताप्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की सफाई
इधर मुख्यमंत्री के बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी संत कालीचरण के बयान (Dharma Sansad Dispute) पर अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि साधु संत सत्संग में देश भर से आते हैं और उन्हें बोलने की स्वतंत्रता है। साधु संत अपने समझ के हिसाब से बात रखते हैं। महात्मा गांधी हम सब के राष्ट्रपिता हैं हम सब उनको मानते रहेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संत को जो बोलना था वह बोल कर चले गए हैं अब चाहे आप खंडन करें या अन्य कुछ। आपकी स्वीकारता या अस्वीकरता से साधु-संतों को कोई लेना देना नहीं होता है।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने संत के विवादित बयान पर कहा कि यह कालीचरण महाराज का व्यक्तिगत विचार है। हमें कोई टिप्पणी नहीं करनी है।