बेंगलुरू। कर्नाटक (Karnatak) के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने अपने दो साल पूरे होने के आज सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। एक समारोह में भाषण देते हुए येदियुरप्पा ने नम आंखों से यह घोषणा करते हुए कहा, मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैने हमेशा अग्निपरीक्षा दी है।
उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे 75 साल की उम्र के बाद भी पद पर बने रहने दिया। मैं भविष्य में पार्टी निर्माण गतिविधियों में शामिल रहूंगा।
दोपहर बाद (Karnatak) राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मिलकर येदियुरप्पा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने येदियुरप्पा को नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण तक पद संभालने कहा है।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अवैध खनन मामले में भ्रष्टाचार के चलते 2011 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालांकि 2016 में विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें इस मामले से बरी कर दिया था। लिंगायत समुदाय के दिग्गज नेता येदियुरप्पा को किसानों की आवाज उठाने के लिए एक विशेष पहचान मिली है। 2011 में येदियुरप्पा ने भाजपा से अंसतुष्ट होकर नई पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी बनाई। हलाकि फिर भाजपा में वे शामिल हुए और मुख्यम्नत्री भी बने। लेकिन फिर विवादों के चलते भाजपा ने येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फरमान जारी किया। माना जा रहा है कि इस बार भी भारी मन से उन्होंने मुख्यमंत्री का पद आज छोड़ दिया।
CM की दौड़ में शामिल हैं चार नेता
कर्नाटक (Karnatak) में अगले मुख्यमंत्री के दौड़ में तीन नाम के बाद बा चौथा नाम भी सामने आया है। सूत्रों के माने तो RSS येदियुरप्पा की जगह लिंगायत समुदाय को CM के लिए प्राथमिकता दे रही है लेकिन BJP गैर-लिंगायत को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। इस बीच दौड़ में कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई (लिंगायत समुदाय), विधानसभा स्पीकर विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी (ब्राह्मण) , केंद्रीय मंत्री प्रह्रलाद जोशी (ब्राह्मण) पहले ही शामिल थे लेकिन एक नया नाम केन्दीय राज्य मंत्री मुरुगेश निरानी का सामने आया है। मुरुगेश निरानी के दिल्ली पहुँचने से कर्नाटक की राजनीति में सुगबुगाहट और तेज हो गई है।