नई दिल्ली। Petrol-Diesel : उद्योग के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला कि भारत में मई के महीने में पेट्रोल और डीजल की खपत बढ़ गई है क्योंकि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। इसके अलावा, हार्वेस्ट सीजन भी शुरू हो गया है और पेट्रोल-डीजल की मांग में सुधार हुआ है।
आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी
मई के पहले आधे महीने के दौरान पेट्रोल (Petrol-Diesel) की बिक्री पिछले महीने की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़ी है जबकि डीजल की मांग 1.8 प्रतिशत बढ़ी है। रसोई गैस एलपीजी ने 1 मई से 15 मई के दौरान बिक्री में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है जबति पिछले महीने उच्च कीमतों के कारण रसोई गैस एलपीजी की खपत में गिरावट देखी गई थी। दरअसल, मई के महीने में आर्थिक गतिविधियों में इजाफा हुआ है, जिससे पेट्रोल-डीजल की बिक्री भी बढ़ गई है।
हार्वेस्ट सीजन भी एक बड़ा कारण
इसके अलावा हार्वेस्ट सीजन भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। आज अधिकांश किसान खेती के लिए नई तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिसमें कटाई भी शामिल है। इस आधुनिक कटाई में डीजल ईंधन के उपयोग के कारण डीजल की बिक्री में भी वृद्धि देखी गई है।
सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं द्वारा 1 मई से 15 मई के दौरान 1.28 मिलियन टन पेट्रोल की बिक्री हुई है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में यह 59.7 प्रतिशत अधिक और 2019 की अवधि की तुलना में 16.3 प्रतिशत अधिक है। प्रारंभिक उद्योग डेटा से यह जानकारी मिली है।
बता दें कि देश की कुल ईंधन बिक्री में लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं का होता है। इससे पहले अप्रैल 2022 के पहले आधे महीने में 1.12 मिलियन टन बिक्री की तुलना में इस महीने 13.9 प्रतिशत अधिक खपत हुई।
डीजल देश में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल है, जिसकी बिक्री (Petrol-Diesel) मई की पहले आधे महीने में सालाना आधार पर 37.8 फीसदी बढ़कर 3.05 मिलियन टन हो गई। हालांकि, यह अप्रैल 2019 की बिक्री से 1.5 फीसदी कम है। यह इस साल 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के दौरान 2.99 मिलियन टन खपत से 1.8 प्रतिशत अधिक थी। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि मई में खपत अधिक रही क्योंकि उच्च कीमतों के कारण पिछले महीने मांग में आई कमी इस महीने घटी और डिमांड बढ़ी। इसके अलावा, हार्वेस्ट सीजन के शुरू होने से भी इस पर पॉजिटिव असर पड़ा है।