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Panchayat Empowerment : सरपंचों को हैं 25 लाख रूपए तक के कार्य कराने के अधिकार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Panchayat Empowerment

Panchayat Empowerment

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतराज व्यवस्था (Panchayat Empowerment) में सरपंच के पास पर्याप्त शक्तियां हैं। सरपंच अपनी पंचायत को नई ऊंचाइयों पर लेकर जा सकते हैं। सरपंचों के माध्यम से ही प्रदेश में ग्राम विकास का कारवां चल रहा है। ग्राम स्तर पर सभी कल्याणकारी योजनाओं और विकास गतिविधियों का क्रियान्वयन पंचायतों के माध्यम से ही हो रहा है। पंचायत व्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से पंचायतों को 25 लाख रूपए तक के कार्य करने का अधिकार दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पंचायत प्रतिनिधियों को विकास कार्यों के लिए 50-50 हजार रुपए की राशि अंतरित किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगरीय‍निकायों के समान पंचायतों में भी विकास योजनाएं बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। पंचायतों को गांव के विकास की योजना बनाने के लिये सक्षम बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों की कॉन्फ्रेंस आगामी 24 से 26 नंवबर को होने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को जंबूरी मैदान पर आयोजित सरपंच संयुक्त मोर्चा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कार्यक्रम स्थल पर भव्य स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सरपंच संघों के प्रतिनिधियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।

देश को मोदी और शाह की क्षमता पर है भरोसा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिल्ली में हुए कार विस्फोट को अत्यंत दु:खद बताया। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की क्षमता पर भरोसा है। भारत सरकार ने आतंकवाद और नक्सलवाद को समूल नष्ट करने के लिए अभियान छेड़ रखा है। उन्होंने कहा कि भारत अब सुदृढ़ प्रशासन और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसमें पंचायतों की भूमिका (Panchayat Empowerment) अहम है।

पंचायतों को मिलेंगे कार्यालय और सामुदायिक भवन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने तीनों स्तर के पंचायत संस्थान (Panchayat Empowerment) के लिए कार्यालय और गांवों के लिए सामुदायिक भवन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। इस अनुक्रम में प्रदेश की पंचायतों के लिए 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन तथा 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत किए हैं।

गांव के शांति धाम भी व्यवस्थित रूप से विकसित हों, इस उद्देश्य से दिसम्बर 2026 तक सभी शांति धाम अतिक्रमण से मुक्त कर उनके पहुंच मार्ग बनाने और आवश्यक फेंसिंग और पौधरोपण कार्य के निर्देश दिए गए हैं। सुदृढ़ पंचायत राजव्यवस्था के माध्यम से आत्मनिर्भर पंचायत व समृद्ध मध्यप्रदेश के पथ पर राज्य सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से अग्रसर है।

खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में रोजगार आधारित उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। वर्ष-2026 को कृषि आधारित उद्योग वर्ष के रूप में घोषित किया जाएगा। कृषि उत्पादों के निर्माण के लिए कृषि और खाद्यान्न आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पंचायतों के माध्यम से लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और रोजगार उद्योग स्थापित करने के लिए भी गतिविधियां जारी हैं। किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सब्जी और अन्य फसलों के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां खोली जा रही हैं। युवाओं को उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि किसानों को हर फसल का उचित दाम मिले, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Panchayat Empowerment) के साथ मजबूत हो।

पंचायत प्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे पंचायत प्रतिनिधि भगवान श्रीराम से संबंधित प्रत्येक स्थान की जानकारी उपलब्ध कराएं। इन्हें श्रीराम वन गमन पथ विकसित करने की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थानों को भी राज्य सरकार तीर्थ के रूप में विकसित करेगी। पंचायतें अपने पारंपरिक कार्य करते हुए शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और उद्योग के कार्यों को भी प्रमुखता से करें। गांवों में किसानों को गोपालन और पशुपालन के लिए प्रेरित करें, जिससे मध्यप्रदेश को दूध उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सके।

नदियों के उद्गम स्थलों का बेहतर रखरखाव करें पंचायत प्रतिनिधि

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल ने पंचायत प्रतिनिधियों की मांग पर 25 लाख रूपए तक के कार्यों का अधिकार सरपंचों को देने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार माना। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पंचायतें देश का सबसे अच्छा और सबसे बड़ा रिकॉर्ड रूम बन सकती हैं। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जिन पंचायतों में नदियों के उद्गम स्थल मौजूद हैं, वहां के सरपंच अपनी कार्य योजना में उद्गम स्थल के बेहतर रखरखाव संबंधी कार्यों को शामिल करें। ऐसी पंचायतें जहाँ की आबादी 5000 से अधिक होगी, वहां 2 सामुदायिक भवन स्वीकृत किए जाएंगे। सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधियों के विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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