Pakistani Government : तालिबान ने अफगानिस्तान में एक चुनी हुई सरकार का तखता पलट कर बंदूक की नोक पर सत्ता हथिया ली है और अब वह अफगानिस्तान में अपनी सरकार बना रहा है। भले ही अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन रही है लेकिन हकिकत में यह पाकिस्तानी सरकार है। क्योंकि पाकिस्तान ने ही तालिबान को खड़ा किया है और अफगानिस्तान में उसकी राह आसान बनाई है।
पाकिस्तान खुद आर्थिक रूप से बदहाल हो चूका है इसलिए वह तालिबान की आर्थिक मदद तो नहीं कर पा रहा है। लेकिन तालिबान को सैन्य सहायता जरूर दे रहा है। पाकिस्तान (Pakistani Government) के आतंकी संगठन भी तालिबान के साथ कंधे से कंधे मिलाकर अफगानिस्तान में हिंसा का नंगा नाच कर रहे हैं। पंजशीर में नार्दन एलांयस ने तालिबान को जबरदस्त चुनौती दे रखी है और तालिबान को पंजशीर में चल रही जंग के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पंजशीर के शेरों ने अब तक एक हजार से अधिक तालिबानी आतंकवादियों को जहन्नूम रसिद कर दिया है। पंजशीर में कमजोर पड़ रहे तालिबान की मदद के लिए फिर पाकिस्तान आगे आया है और पाकिस्तान से बढ़ी संख्या में आतंकवादियों ने पंजशीर पहुंचकर नार्दन एलांयस के खिलाफ तालिबान के साथ मिलकर जंग शुरू कर दी है। इसी से साफ है कि पाकिस्तान तालिबान की हर संभव मदद कर रहा है। यहां तक की तालिबान सरकार के गठन में भी पाकिस्तान पूरी सहायता कर रहा है। पाकिस्तान की खुफियां एजेंसी आईएसआईएस के चीफ फैज हामिद काबुल पहुंच गए है और तालिबान के नेताओं के साथ मिलकर तालिबान सरकार के गठन का खाखा तैयार कर रहे हैं।
इसका मतलब साफ है कि तालिबान की सरकार का संचालन पाकिस्तान (Pakistani Government) से ही होगा। यही वजह है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुनिया के सभी देशों से अपील की है कि बदहाली के शिकार अफगानिस्तान की आर्थिक सहायता के लिए सभी देश अपने हाथ आगे बढ़ाएं। चीन ने सबसे पहले अपना हाथ आगे बढ़ा भी दिया है और उसने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को हर संभव आर्थिक सहायता मुहैय्या कराने की घोषणा की है। चीन की नजर अफगानिस्तान के खनिज संसाधनों पर है जिसका वह दोहन करना चाहता है।
जिस तरह चीन ने पाकिस्तान को कर्ज में लादकर अपना गुलाम बना लिया है उसी तरह वह अफगानिस्तान को भी अपना गुलाम बनाने की साजिश कर रहा है। पाकिस्तान और चीन की इस साजिश से दुनिया को सावधान रहने की जरूरत है। खास तौर पर भारत को अतिरिक्त सर्तकता बरतनी होगी क्योंकि पाकिस्तान की तरह ही अफगानिस्तान भी एक आतंकवादी देश बनने जा रहा है। जिससे सबसे ज्यादा खतरा भारत के लिए ही रहेगा। बहरहाल भारत पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है और फिलहाल वह वेट एडं वॉच की नीति का पालन कर रहा है जो सही है।