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संपादकीय: गृह युद्ध की कगार पर पाकिस्तान

Pakistan on the verge of civil war

Pakistan on the verge of civil war

Pakistan on the verge of civil war: पड़ौसी देश पाकिस्तान में गृह युद्ध के हालात पैदा हो गये है। भ्रष्टाचार किे आरोप में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर उनके लाखों समर्थक सड़को पर उतर आये है।

इस आंदोलन को कुचलने के लिए शाहबाज शरीफा की सरकार ने सेना को उतार दिया है। इमरान समर्थकों और सेना के बीच संघर्ष में सात लोगों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तान में ऐसी खबरों को दबाया जा रहा है इसलिए मृतकों की संख्या और ज्यादा होने की संभावना है।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शहबाज शरीफ की सरकार पाकिस्तान के लगातार बिगड़ते हालात को सुधारने में बुरी तरह विफल रही है। पाकिस्तान की सरकार पहले ही कर्ज में डूब चुकी है और अब उसे कोई भी कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है। नतीजतन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।

शहबाज शरीफा की सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर पहुंव गई है। जिसकी वजह से वहां के लोगों का जीना हराम हो गया है। खासतौर पर गरीब तबकेे के लोगों के सामने तो भूखों मरने की नौबत आ गई है।

यही वजह है कि पाकिस्तान की आवाम का धैर्य टूट रहा है और वे सरकार के खिलाफ बगावत पर उतर आये है। वहां के लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान में ही उम्मीद की किरण नजर आ रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में इमरान खान सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रधानमंत्री माने जाते है।

इमरान खान के शासनकाल में भी पाकिस्तान की स्थिति कोई बहुत बेहतर भले ही नहीं थी लेकिन आज की तरह इस कदर बदतर भी नहीं थी। मौजूदा शहबाज शरीफा की सरकार की कार्य प्रणाली से निराश और हताश पाकिस्तानी जनता अब इास सरकार से छुटकारा चाहने लगी है।

इस बीच जेल में बंद इमरान खान ने भी पाकिस्तान की आवाम से अपील की है कि वे सड़को पर उतरकर मौजूदा सरकार के खिलाफ हल्ला बोले फिरलहाज उनकी बेगम ने आंदोलन का नेतृत्व संभाल रखा है। इमरान खान समर्थकों ने पाकिस्तान की राजधानी में डेरा डाल रखा है उनका कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है लेकिन पाकिस्तान की सेना ज्यादती पर उतर आई है जिसकी वजह से अप्रिय स्थिति निर्मित हो रही है।

इधर पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार की अदूर्दर्शीता के चलते वहां सक्रिय आतंकवादी संगठनों ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। एक के बाद एक आतंकी हमले हो रहे है। और ये आतंकी संगठन निर्दोष लोगों के साथ ही सुरक्षाबलों को भी निशाना बना रहे है।

कुल मिलाकर पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो रहे है। जिसकी वजह से पाकिस्तान में तख्तापलट की संभावना भी पैदा हो गई है। इसके बावजूद पाकिस्तान के हुकमरानों को अकल नहीं आ रही है। जिन आतंकवादियों को उसने पाला पोसा है वही अब पाकिस्तान के लिए भस्मासूर बन रहे है।

दरअसल पाकिस्तान की सरकार अब इन आतंकी संगठनों को फंड नहीं दे पा रही है। इसीलिए बौखला कर वे पाकिस्तान में उत्पाद मचा कर पहले से मुसीबतों में घिरी शहबाज शरीफ की सरकार के लिए और परेशानी बढ़ा रहे है।

कोई बड़ी बात नहीं की पाकिस्तान में बेकाबू होते हालातों का फायदा उठाकर पाकिस्तानी सेना एक बार फिर वहां सैनिक शासन लागू कर दे। यदि ऐसा हुआ तो पाकिस्तान की पहले से ही खराब हालत और ज्यादा खराब हो जाएगी। और गृह युद्ध के चलते पाकिस्तान के कई टुकड़े भी हो सकते है।

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