Opposition Targets : जब भी सीबीआई, ईडी या नार्कोटिक्स विभाग कहीं कोई कार्यवाही करता है तो विपक्ष इस कार्यवाही का यह कहकर विरोध करने लगता है कि यह बदले की कार्यवाही है जबकि इस तरह की कार्यवाही पूर्व नियोजित नहीं होती। ये सभी केन्द्रीय जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करती है और लंबी जांच पड़ताल के बाद जब पुख्ता सबूूत उनके पास होते है तभी वे छापा मार कार्यवाही करती है। देश में कहीं न कहीं चुनाव चलते ही रहते है, ऐसे में यदि चुनावी राज्यों में कोई केन्द्रीय एजेंसी कार्यवाही करती है तो विपक्ष उसे राजनीतिक बदले की कार्यवाही बताने लगता है।
उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग ने कुछ सपा नेताओं के यहां छापे मारे तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे लेकर राजनीति शुरू कर दी। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार राजनीतिक बदले की कार्यवाही कर रहा है। भाजपा को समाजवादी पार्टी के बढ़ते प्रभाव से डर लग रहा है इसलिए आयकर विभाग को छापा मारने के लिए भेजा गया है। उन्होने आशंका जताई है कि अभी तो सीबीआई भी लगाई जाएगी लेकिन समाजवादी पार्टी इस तरह की कार्यवाही से डरने वाली नहीं है।
इधर मुंबई में पनामा पेपर लीक मामले में ईडी ने ऐश्वर्या राय बच्चन से छह घंटे तक पूछताछ की तो उनकी सास जया बच्चन गुस्से बिखर पड़ी। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा में खूब हंगामा किया। उन्होने भी यही आरोप लगाया कि सरकार समाजवादी पार्टी के लोगों के खिलाफ राजनीतिक विद्वेश की भावना से इस तरह की कार्यवाही कर रही है। उन्होने तो गुस्से में आकर सरकार को यह श्राप भी दे दिया कि बहुत जल्द उसके बुरे दिन आएंगे।
गौरजलब है कि जब मुंबई में बहुचर्चित सुशांत-रिया केस के समय नार्कोटिक्स ब्यूरो ने ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्यवाही की थी और ड्रग्स माफिया के बॉलीवुड से कनेक्शन का खुलासा हुआ था तो उस समय भी सपा सांसद जया बच्चन ने ड्रग्स को लेकर की जाने वाली कार्यवाही का खुलकर विरोध किया था और यह आरोप लगाया था कि बॉलीवुड को बदनाम (Opposition Targets) करने की साजिश की जा रही है। इसके पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने भी पालघर मामले को लेकर सीबीआई जांच का विरोध किया था।
बंगाल में भी केन्द्रीय एजेंसियों की कार्यवाही का वहां की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी विरोध करती रही है। जहां-जहां विपक्षी पार्टियों की सरकार है उन राज्यों में यदि कोई केन्द्रीय एजेंसी कार्यवाही करती है तो वह विपक्ष के निशाने (Opposition Targets) पर आ जाती है। इन केन्द्रीय एजेंंसियों को वहां की राज्य सरकारें जांच में सहयोग भी नहंी करती। ऐसी स्थिति में इनका काम करना और किसी नतीजे पर पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है।