Only Yogi is useful in Uttar Pradesh: 2024 के लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में भाजपा की सीटें कम होने के बाद से उत्तरप्रदेश भाजपा में गुटबाजी और अंतरकलह की खबरें सामने आती रही हैं। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर असंतुष्ट गुट के नेता सवालिया निशान भी लगाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या तथा बृजेश पाठक के बीच मतभेद गहराने की अटकलें भी लगाई जा रही थी। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मानसून आफॅर देकर भाजपा में मची अंतरकलह का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की।
लखनऊ से लेकर नई दिल्ली तक भाजपा की सियासत में कई मोड़ आए। आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में यह स्पष्ट हो गया कि यूपी में योगी ही उपयोगी हैं। भाजपा नेतृत्व ने उत्तरप्रदेश को लेकर मंथन किया और अंत में इसी नतीजे पर पहुंचे की योगी आदित्यनाथ उत्तप्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और बृजेश पाठक को भाजपा हाईकमान ने समझाइश दी कि वे एकजुटता बनाए रखें। इसके बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी (Only Yogi is useful in Uttar Pradesh) आदित्यनाथ ने लखनऊ पहुंच कर उत्तरप्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले यूपी विधान परिषद की बैठक ली।
इसमें दोनों ही उपमुख्यमंत्री उनके आजू बाजू बैठे नजर आए। इसके बाद अब यह बात साफ हो गई है कि यूपी में सब ठीक हो रहा है। वहां बहुत जल्द 10 विधानसभा सीटों के उप चुनाव होने जा रहे हैं। जिसमें भाजपा लोकसभा चुनाव की कसर पूरा करना चाहती है।
इन उपचुनाव के लिए योगी आदित्यनाथ को फ्री हैंड दे दिया गया है। उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव भाजपा के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हैं और इसमें सफल होने के लिए भाजपा नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुटता प्रदर्शित करनी होगी।
भाजपा में सबकुछ ठीक होने के संकेत मिलते ही समाजवादी पार्टी ने अपना मानसून आफर वापस ले लिया है। अखिलेश यादव ने टिवट़् किया है कि भाजपा नेताओं के लिए समाजवादी पार्टी के दरवाजे बंद हैं। इस पर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने अखिलेश यादव को करारा जवाब दिया है।
उन्होंने अखिलेश यादव को पिछड़ा और दलितों का विरोधी करार देते हुए कहा है कि अखिलेश यादव के लिए पिछड़ा वर्ग का मतलब सिर्फ यादव है । उनका पीडीए बहुत बड़ा धोखा है। केशव प्रसाद मौर्या के इस बयान के बाद अब समाजवादी पार्टी के मंसूबे धराशायी हो गए हैं।
बहरहाल अब उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी ताकत से उपचुनाव लडऩे की तैयारी में जुट गए हैं और अब उनका विरोधी गुट भी उनके सामने नतमस्तक हो गया है।
उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तरप्रदेश भाजपा में अब मतभेद के लिए कोई जगह नहीं रहेगी और सभी एकजुट होकर उत्तरप्रदेश के हित में काम करेंगे।