रायपुर/नवप्रदेश। OBC Reservation : राजस्थान दौरे से पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कई मुद्दों पर मीडिया के सवालों का उत्तर दिया। जिसमें एक महत्वपूर्ण मुद्दा ओबीसी आरक्षण का है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत करने के सरकार की कवायद कब तक पूरी हो पाएगी। इस पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि हमारी सरकार इसके लिए तैयार है, लेकिन मामला अभी हाई कोर्ट में है। जैसे ही मामला खत्म होगा। इस पर प्रक्रिया तेज हो जाएगी। दरअसल, OBC आरक्षण करीब 2 साल से लंबित है। बेरोजगार युवा इसका इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मामला अभी भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
CM ने दो साल पहले की थी घोषणा
बता दें कि प्रदेश में जातिगत आरक्षण (OBC Reservation) में बदलाव की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो साल पहले यानी 15 अगस्त 2019 को की थी। इसके तहत एसटी को मिलने वाले 32 फीसद आरक्षण को यथावत रखा गया था, लेकिन एससी का आरक्षण 12 से बढ़ाकर 13 और ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ाकर सीधे 27 फीसद कर दिया गया था। बाद में सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था और जोड़ दी थी।
मामला अभी कोर्ट में लंबित
साल 2019 में आरक्षण में किए गए बदलाव की वजह से प्रदेश में आरक्षण का दायरा बढ़कर 82 फीसद पहुंच गया था। जो 50 फीसद आरक्षण के तय मापदंड से अधिक था। सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण में की गई वृद्धि पर रोक लगा दी। इसके बाद राज्य में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की सही संख्या जानने के लिए सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश छबिलाल पटेल की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया।
डेटा संग्रह का आधार राशन कार्ड
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक जाति और आर्थिक रूप से कमजोर (OBC Reservation) का डाटा राशनकार्ड के आधार पर एकत्र करने की कोशिश की जाएगी। राज्य में करीब 70 लाख से ज्यादा राशनकार्ड हैं। इसमें 2 करोड़ 50 लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं। राशनकार्ड करीब 32 लाख ओबीसी वर्ग के लोगों का है। यह संख्या लगभग 47 फीसद है। सामान्य वर्ग के प्रचलित राशनकार्ड की संख्या करीब 6 लाख और सदस्य संख्या 20 लाख से ज्यादा है।