Editorial: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लगभग डेढ़ घंटे के धाराप्रवाह भाषण में अपनी सरकार की ग्यारह साल की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया और सरकार के भावी कदमों को लेकर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने दीपावली के दौरान देशवासियों को जीएसटी में कटौती करने का तोहफा देने की घोषणा की जो निश्चित रूप से मध्यम वर्ग के लिए भारी राहत की बात होगी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान अमेरिका को भी यह साफ संदेश दे दिया है कि टैरिफ के डर से भारत अपने राष्ट्रीय हितों के साथ किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा और न ही किसी दबाव के सामने झूकेगा।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर पहले ही 25 प्रतिशत टैरिफ लगा चुके हैं और 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं। जिसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि वे इस दबाव मं आकर अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौता हरगिज नहीं करेंगे। इसी तरह उन्होंने सिंधू जल समझौते को रद्द करने के बाद से पाकिस्तान द्वारा दी जा रही गीदड़भभकी के जवाब में यह भी कह दिया है कि पाकिस्तान सिंधू नदी का पानी भूल ही जाये। भारत अब पाकिस्तान की परमाणु धमकी से डरने वाला नहीं है।
पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से सबसे बड़ी बात यह कही है कि उनकी सरकार बहुत जल्द हाई पावर डेमोग्राफी मिशन शुरू करेगी जिसक ेतहत बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाला जाएगा जो देश के कई राज्यों की डेमोग्राफी को बदल रहे हैं। गौरतलब है कि बंगाल और असम सहित देश के कई राज्यों में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये लंबे अरसे से डेरा डाले पड़े हैं। जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है।
एक अनुमान के मुताबिक देश में पांच करोड़ से भी ज्यादा घुसपैठिये रह रहे हैं और इन्हें अपना वोट बैंक बनाने के लिए कुछ विपक्षी पार्टियों ने उनके राशनकार्ड से लेकर आधार कार्ड तक बनवा दिये हैं। जिसके चलते इनकी पहचान मुश्किल हो जाती है। बहरहाल अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो हाई पावर डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की घोषणा की है उससे यह स्पष्ट है कि अब भारत में घुसपैठियों की खैर नहीं है। वैसे असम के मुख्यमंत्री हिमन्ता बिसवा शरमा ने इसकी झलक दिखानी शुरू कर दी है जहां से बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को खदेड़ा जा रहा है आने वाले समय में बंगाल सहित अन्य राज्यों से भी घुसपैठियों को भगाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा जो भारत की आतंरिक सुरक्षा के लिए निहायत जरूरी है।