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संपादकीय: भारत अमेरिका संबंधों को नया आयाम

New dimension to India-US relations

New dimension to India-US relations

New dimension to India-US relations: भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय अमेरिका दौरे से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को नया अयाम मिला है। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद नरेन्द्र मोदी का यह पहला अमेरिका दौरा था। डोनाल्ड ट्रंप ने जिस गर्मजोशी के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया और उन्हें विशेष सम्मान दिया उसे देखते हुए अब भारत और अमेकिा के द्विपक्षी संबंध और ज्यादा मजबूत होने की उम्मीद की जा रही है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रेट नेता बताया और कहा कि मैं अपने दोस्त मोदी से मिलने के लिए बेहद उत्सुक था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की और यह उम्मीद जताई की उनके नेतृत्व में अमेरिका और प्रगति करेगा तथा अमेरिका-भारत के रिश्ते और ज्यादा मजबूत होंगे। डोनाल्ड ट्रंप और नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त पत्रकार वार्ता लेकर कहा कि आतंकवाद से दोनो देश मिलकर लडेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि एक और एक दो नहीं बल्कि ग्यारह होतें है। जिस तरह डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं। उसी तरह हम भी भारत के हित को सर्वोपरि मानते हैं। नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका प्रवास के दौरान द्विपक्षीय व्यपार को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौते किये और कहा कि 2030 तक भारत और अमेरिका के बीच व्यपार दो गुना किया जाएगा। अमेरिका ने भारत को एफ35 फाइटर जैट विमान देने पर भी सहमति जताई जिससे भारतीय वायु सेना और मजबूत होगी। यही नहीं बल्कि अमेरिका ने 26/11 के आरोपी कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा को भी भारत को सौंपने का ऐलान किया जो लंबे से अमेरिका की जेल में बंद है।

बांग्लादेश की स्थिति पर भी डोनाल्ड ट्रंप और नरेन्द्र मोदी के बीच चर्चा हुई जिसपर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बांग्लादेश के मुद्दे को वे भारतीय (New dimension to India-US relations) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर छोड़ते हैं। वे जैसा उचित समझें कर सकते हैं यदि इस मामले में उन्हें मेरी सहायता की आवश्यकता होगी तो अमेरिका उनके साथ खड़ा रहेगा। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी जिसे नरेन्द्र मोदी ने ठुकरा दिया था और डोनाल्ड ट्रंप को दो टूक शब्दों में कह दिया था कि इसे हम खुद देख लेंगे आप बीच में दखल न दें।

संभवत: इसी वजह से डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेंश के मामले में भारत को फ्री हेंड दे दिया है। यह भारत की न सिर्फ एक बड़ी कुटनीतिक सफलता है बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि दक्षिण एशिया में भारत को अमेरिका ने बॉस मान लिया है। रूस और यूक्रेन युद्ध पर भी दोनों नेतओं के बीच चर्चा हुई और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की नीति स्पष्ट कर दी की युद्ध नहीं बल्कि वार्ता से ही समस्या का समाधान ढूंढा जाना चाहिए।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच व्यपार को बढ़ाने के लिए विशेष टैरिफ बनाने की बात कही है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढऩे की संभावना बलवति हुई है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उनकी तरह ही अपने देश के हित को प्राथमिकता देते हैं।

इसलिए यदि दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाकर दो गुना करना है तो भारत के लिए विशेष टैरिफ बनाना ही होगा। बहरहाल नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और बेहतर होंगे जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

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