इस साल नई दिल्ली (new Delhi ) और बिहार (bihar) विधनसभा चुनाव (Assembly elections) होने जा रहे है। दिल्ली में तो खैर भाजपा (BJP) अकेले अपने बल बूते पर चुनाव लड़ेगी लेकिन बिहार में भाजपा(BJP) को जदयू (JDU) के साथ गठबंधन कर के ही चुनाव लडऩा है।
झारखण्ड विधानसभा चुनाव के नतीजो ने जदयू के नेताओं की उम्मीदों को जगा दिया है। अब वे बिहार में भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लडऩे की मानसिकता बना चुके है। यही वजह है कि जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भाजपा से यह मांग करनी शुरू कर दी है कि वह बिहार (bihar) में जदयू को अधिक सीटें दें।
महाराष्ट्र घमासान : फेसबुक के बाद अब ट्विटर से भी हटाया BJP
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव (loksabha election) में भी बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और जदयू के बीच खीच तान मची थी। अंत में दोनों दलों ने बराबर सीटें ली थीं। बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में भी भाजपा ने इसी फार्मूले पर अमल करने का निर्णय लिया है। मतलब दोनों ही दल आधे आधे सीटों पर चुनाव लड़ेंगे किन्तु जदयू इस फार्मूले को मानने के लिए तैयार नहीं है।
Assembly Elections : कांग्रेस ने ना सुधरने की कसम खाई है
जदयू नेता चाहते है कि भाजपा कम सीटों पर चुनाव लड़े और जदयू को ज्यादा सीटों पर चुनाव लडऩे दिया जाए। जदयू ऐसी मांग इसलिए कर रहा है कि अधी-आधी सीटों पर चुनाव लडऩे की स्थिति में यदि जदयू को भाजपा से कम सीटों पर जीत मिली तो ऐसी स्थिति में भाजपा का मुख्यमंत्री बन जाएगा।
जबकि जदयू एक बार फिर नितिश कुमार को ही मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहती है और उन्ही के नेतृत्व में जदयू (JDU) और भाजपा (BJP) की गठबंधन सरकार बनाना चाहती है। जदयू की ओर से प्रशांत किशोर ने मोर्चा संभाल लिया है और भाजपा पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। प्रशांत किशोर और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशिल कुमार मोदी के बीच ट्वीटर पर जंग छिड़ चुकी है।
महाराष्ट्र विस चुनाव 2019 : मैं देश पर आंच भी नहीं आने दूंगा : मोदी
सुशील कुमार मोदी ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे किसी विचारधार के नहीं है बल्कि चुनावी डेटा जुटाने वाले और नारे बनाने वाली कंपनी चलाते है। इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार मोदी पर जमकर निशाना साधा था।
हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू सुप्रीमो नितिश कुमार ने कहा है कि बिहार में सब कुछ ठीक चल रहा है। किन्तु जिस तरह जदयू अभी से भाजपा पर दबाव बना रही है उसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि बिहार में सब कुछ ठीक है।