New Controversy : महाराष्ट्र में आजान के खिलाफ हनुमान चालिसा के पाठ को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सुप्रीमों राज ठाकरे ने सरकारों पर लगे लाउड स्पीकर से आजान के प्रसारण का विरोध करते हुए अपनी पार्टी के समर्थकों को निर्देश दिया है कि वे इसके जवाब में लाउड स्पीकर द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ करें। मनसे कार्यकर्ताओं में जब मुंबई में ऐसा किया तो पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर लिया और लाउड स्पीकर जप्त कर लिए।
दरअसल यह विवाद बहुत पुराना है। कुछ समय पहले गायक सोनू निगम ने भी आजान को लेकर बयान दिया था और लाउड स्पीकर से आजान को गुंडागर्दी करार दिया था। इस बार गायिका अनुराधा पोड़वाल ने भी आजान को लेकर टिप्पणी की है और कहा है कि कई मुस्लिम देशों में लाउड स्पीकर से आजान पर प्रतिबंध लगा हुआ है फिर भारत में ही क्यों ऐसा हो रहा है। इसके पहले उत्तर प्रदेश में भी लाउड स्पीकर से आजान को लेकर विवाद हुआ था और हाईकार्ट ने इस बारे में फैसला लिया था कि आजान से किसी अन्य व्यक्ति को दिक्कत नहीं होनी चाहिए किन्तु अभी भी उत्तर प्रदेश हो या महाराष्ट्र या अन्य कोई राज्य सभी जगह सुबह पांच बजे से शाम बजे के बीच पांच बार आजान होता है।
जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले (New Controversy) ही इस बारे में निर्देश दिए है कि रात्रि दस बजे से लेकर सुबह छह बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्ताकर यंत्रों का उपयोग करना गैर कानून है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की खुली अव्हेना की जा रही है। सवाल सिर्फ आजान का ही नहीं है ध्वनि विस्तारक यंत्रों का अन्य धर्म के लोग भी दुरूपयोग कर रहे है। रात दस बजे के बाद तक लाउड स्पीकर पर कान फोड़ू आवाजें लोगों की नींद खराब करती है।
न सिर्फ लाउड स्पीकर बल्कि अब तो डीजे भी आ गया है जिसकी आवाज लोगों को बेहद परेशान करती है। खासतौर पर बिमारो और बुजुगों के लिए डीजे की आवाज घातक सिद्ध हो रही है। आधी रात तक डीजे पर लोग धमाल मचाया करते है और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बन कर तमाशा देखता रहता है। विभिन्न धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक और राजनैतिक कार्यक्रमों में भी आधी रात के बाद तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने रात दस बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रोक लगा रखी है।
लेकिन लोग सुप्रीम कोर्ट (New Controversy) के आदेश को ठेंगा दिखाते रहते है जिसकी वजह यह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करने में शासन प्रशासन कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वह अपने आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय करे और जो इस जिम्मेदारी को निभाने में असफल रहे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें। जब तक ऐसा कड़ा कदम नहीं उठाया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कड़ाई पूर्वक पालन नहीं कराया जाएगा तब तक आजान या हनुमान चालिसा के प्रसारण को लेकर इस तरह के विवाद खड़े होते रहेंगे और समाज में वैमनस्यता फैलाते रहेंगे।