Murder of Kanhaiyalal : उदयपुर में दिन दहाड़े एक टेलर कन्हैया की दो लोगों ने जिस बेरहमी से हत्या की है उसे लेकर राजस्थान में बवाल खड़ा हो गया है। कन्हैया का गुनाह बस इतना था कि उसने नुपूर शर्मा के पक्ष में फेसबुक पर एक पोस्ट डाला था।
इससे नाराज होकर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौश नामक दो लोगों ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। कन्हैया ने पुलिस (Murder of Kanhaiyalal) में इसकी शिकायत की थी और अपनी सुरक्षा की मांग की थी लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और दोनो पक्षों के बीच समझौता करा दिया। उसके बाद भी कन्हैया एक सप्ताह तक डर की वजह से अपनी टेलरिंग शॅाप नहीं खोल रहा था लेकिन जैसे ही उसने अपनी शॉप खोली तो दोनों आरोपियों ने दुकान में घुस कर उसकी गला रेेत कर हत्या कर दी।
आरोपियों ने बाकायदा इस पूरी घटना का विडियो बनवाया और उसे वायरल भी किया। उन दोनों आरोपियों ने विडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी धमकी देने का दु:साहस किया है। बहरहाल गुजरात पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी कर दिया है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए केन्द्र सरकार ने एनआईए की टीम को जांच के लिए राजस्थान रवाना किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना की निंदा जरूर की है और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है लेकिन इसके साथ ही उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा है और यह कहा है कि पीएम मोदी देश में सांप्रदायिक माहौल बेहतर बनाने के लिए कोई अपील क्यों नहीं करते है।
इसके पूर्व भी राजस्थान में लगातार इस तरह की घटनाएं होती रही है और माहौल बिगड़ता रहा है। उस दौरान भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ही शांति की अपील करने की बात करते रहे है। यदि सब कुछ प्रधानमंत्री को ही करना है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किस मर्ज की दवा है। राजस्थान में अपराधियों के हौसले बुलंद है तो इसके लिए वहां के मुख्यमंत्री जिम्मेदार है। इस मामले में भी यदि पुलिस ने मृतक कन्हैया (Murder of Kanhaiyalal) की शिकायत को गंभीरता से लिया होता तो वह आज जीवित होता।
चूंकि हत्यारों ने इस घटना के बाद पीएम मोदी को भी धमकी दी है इसलिए अब एनआईए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर रही है। एनआईए को राजस्थान पुलिस की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए और संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।
बहरहाल उदयपुर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और वहां के सात थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा दिया गया है और पूरे राजस्थान में धारा १४४ लागू कर दी गई है। इस घटना को लेकर अप्रीय स्थिति पैदा न हो इसके लिए राज्य सरकार को एहतियाती कदम उठाने चाहिए।