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Murder in Ghaziabad : 7 लोगों की हत्या में ड्राइवर दोषी, फांसी की सजा

Murder in Ghaziabad: Driver convicted for killing 7 people, sentenced to death

Murder in Ghaziabad

गाजियाबाद। Murder in Ghaziabad : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के घंटाघर नई बस्ती मोहल्ले में कारोबारी परिवार के 7 लोगों की हत्या करने के मामले में आरोपी घर के पुराने ड्राइवर को अदालत ने शनिवार को दोषी ठहराया था। आज सोमवार को गाजियाबाद की कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। हत्यारे राहुल वर्मा पर कारोबारी के घर से घटना के बाद लाखों रुपये के गहने एवं जेवरात लूटकर भागने का मामला सिद्ध हुआ था।

9 साल बाद दोषी को मिली सजा

बता दें कि गाजियाबाद के घंटाघर (Murder in Ghaziabad) कोतवाली क्षेत्र में 21 मई 2013 की रात बुजुर्ग कारोबारी सतीश गोयल एवं उनके पूरे परिवार की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज वारदात में पुलिस ने ड्राइवर राहुल वर्मा को आरोपी बनाया था।

मृतकों में कारोबारी सतीश गोयल, उनकी पत्नी मंजू गोयल, पुत्र सचिन गोयल, पुत्रवधू रेखा गोयल एवं तीन पौत्र-पौत्री शामिल थे। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता देवराज सिंह ने बताया कि 22 मई 2013 को सतीश चंद्र गोयल की किडनी ट्रांसप्लांट होनी थी। ड्राइवर राहुल को इसके बारे में जानकारी थी। उसे अनुमान था कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए घर में रखे 25 से 30 लाख रुपये मिल सकते हैं। इसी इरादे से राहुल ने 21 मई की रात वारदात को अंजाम दिया था। वारदात के बाद पुलिस ने राहुल वर्मा के पास से नकदी समेत हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया था।

एक साथ नृशंस हत्याओं को दिया अंजाम

इस पूरे मामले में खल चूरी व्यापारी सतीश गोयल के पूर्व ड्राइवर राहुल का नाम सामने आया था। जिसको पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 9 साल लंबे चले इस मामले में आखिरकार राहुल वर्मा को दोषी करार दिया है। पुलिस ने बताया कि इस हत्याकांड के पीछे की वजह व्यापारी भारी-भरकम रकम की लूट थी। इसी सूचना के आधार पर आरोपी राहुल वर्मा ने मृतक के घर में घुसकर लूट की वारदात को अंजाम देना चाहा लेकिन उसी दौरान घरवालों की आंखें खुल गई जिसके बाद राहुल ने एक के बाद एक साथ नृशंस हत्याओं को अंजाम दिया।

हालांकि उसे कोई मोटी रकम (Murder in Ghaziabad) वहां से नहीं मिली जो छोटा मोटा सोने का सामान और पैसे मिले उन्हें लेकर राहुल मौके से फरार हो गया था, लेकिन पुलिस जांच के बाद पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया था और तकरीबन 9 साल तक चले इस लंबे केस में आखिरकार आज गाजियाबाद की अदालत ने राहुल को फांसी की सजा सुनाई है।

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