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संपादकीय: ईवीएम से नगरीय निकाय चुनाव सराहनीय पहल

Municipal elections using EVMs are a commendable initiative

Elections using EVMs

Elections using EVMs: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। नगरपंचायतों और नगरपालिकाओं तथा नगर निगमों के वार्डों का आरक्षण हो चुका है और इसी क्रम में अध्यक्ष तथा महापौर पद का भी आरक्षण हो गया है। अब राज्य सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव बैलेट पेपर की जगह ईवीएम से कराने का निर्णय लिया है जो निश्चिन रूप से सराहनीय पहल है। इसके लिए नगरी प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर चुनाव आयोग को भेजने का निर्णय ले लिया है।

चुनाव आयोग इस प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद अनुशंसा करेगा उसके पश्चात विधि विभाग की मंजूरी लेकर राज्यसरकार इस बारे में अध्यादेश जारी करेगी। गौरतलब है कि पूर्ववती भूपेश बघेल सरकार ने 2019 में बैलेट पेपर से नगरीय निकाय चुनाव कराया था। जिसकी वजह से चुनाव नतीजे घोषित होने में बहुत देर लगी थी।

कई नगरीय निकायों के नतीजे तो आधी रात के बाद तक घोषित किये गये थे। यही वजह है कि विष्णुदेव साय की सरकार ने इस बार नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से कराने का फैसला लिया है ताकि मतदान की गति भी बढ़े और चुनावी नतीजे भी जल्द घोषित हो। उल्लेखनीय है कि नगरीय निकाय चुनाव में 80 से 90 प्रतिशत तक वोट पड़ते हैं।

कहीं कहीं तो शत प्रतिशत मतदान भी होता है। बैलेट पेपर से ेचुनाव होने पर मतदान की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और कई मतदाता तो मतदान से वंचित भी हो जाते हैं। चुनावी नतीजे भी बहुत विलंब से घोषित होते हैं ऐसे में इवीएम से नगरीय निकाय चुनाव कराना निश्चित रूप ये सार्थक पहल मानी जाएगी।

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