जगदलपुर/नवप्रदेश। Mota Anaj : मोटे अनाज, जिसे पीएम मोदी ने श्री अन्न नाम दे रखा है, का महत्व पूरी दुनिया को समझा रहे हैं। देश के भीतर भी मोटे अनाज के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर दिया जा रहा है।
मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने केंद्र सरकार विशेष कार्यक्रम चला रही है। छत्तीसगढ़ सरकार भी इस दिशा में बेहतर काम कर रही है। मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त राशि को छ्ग सरकार ने बस्तर जिले को आवंटित कर किसानों को मोटे अनाज की फ सल लेने के लिए खाद, बीज, कृषि यंत्र, नकद अनुदान देने का आदेश जारी किया है। बकावंड विकासखंड में केंद्र सरकार की रकम की बंदरबांट कर श्री अन्न को पकने से पहले ही डकार लिया गया है।
केंद्र से प्राप्त लाखों रु. के वारे न्यारे बकावंड जनपद में किए गए। रागी, कोदो, कुटकी, कुल्थी, ज्वार, बाजरा, मक्का जैसे मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष योजना चला रखी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इन अनाजों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने तथा प्राचीन आदिवासी कृषि प्रणालियों को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए केंद्र सरकार की योजना के साथ अपनी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना को जोड़कर बहुआयामी कार्यक्रम चला रखा है। इसके तहत गरीब तबके के आदिवासी तथा पिछड़े वर्गों के किसानों को खाद, बीज किट्स, बाडिय़ों की मरम्मत और सुधार के लिए औजार के साथ ही नकद अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। बाडिय़ों में आदिवासी अपनी जरूरत के लिए तथा आजीविका चलाने योग्य मोटे अनाजों की फ सलें व सब्जियां उगा सकें, यह मंशा छ्ग सरकार की रही है।
भ्रष्टाचार का बना लिया जरिया
इस कार्यक्रम को बकावंड जनपद पंचायत के कर्मियों और कुछ जनप्रतिनिधियों, जगदलपुर व बकावंड के कथित व्यापारियों, सरपंच, सचिवों ने भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया है। योजना में प्रति हितग्राही किसान 16 हजार 500 रुपए के व्यय का प्रावधान किया गया था। किसानों को स्तरहीन बीज किट और फ ावड़ा, कुदाल देकर उनके नाम से लाखों रु. आहरित कर लिए गए। बीज किट और औजार आपूर्ति का काम जनपद पंचायत के ऐसे जनप्रतिनिधियों को दिया गया था, जो मेडिकल स्टोर, कम्प्यूटर सिस्टम, स्टेशनरी शॉप, जनरल स्टोर्स आदि की दुकानें चलाते हैं। इन लोगों ने किसानों को बीज के एकाध-दो पैकेट, फ ावड़ा, प्लास्टिक का धमेला आदि थमा दिए और फ र्जी बिल व पावती बनाकर रकम आहरित कर ली।
इन पंचायतों में भी बोगस बिल
जनपद की ग्राम पंचायत कोसमी, उडिय़ापाल, मोंगरापाल के किसानों के नाम से बोगस बिल, पावती जमा कर लाखों रुपयों की बंदरबांट की गई है। कोसमी ग्राम पंचायत में 16 आदिवासी किसानों को कोदो, कुटकी, मक्का रागी के बीज किट तथा बाड़ी सुधार के नाम से फ ावड़ा, कुदाल, तगाड़ी जैसे मामूली औजारों का वितरण कर हर हितग्राही के नाम पर 16 हजार 500 रु. का आहरण किया गया है। किसानों को जो बीज किट और औजार उपलब्ध कराए गए हैं, उनकी कुल कीमत नौ सौ रु. से ज्यादा नहीं है।
पीएमओ को शिकायत
केंद्र सरकार की योजना (Mota Anaj) में हुई धांधली को लेकर बकावंड मंडल भाजपा ने अब मोर्चा खोल दिया है। मंडल भाजपा अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप इस मामले की जांच की मांग पहले से उठाते आ रहे हैं, मगर उन्हें जरा भी तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। श्री कश्यप की आवाज अफ सरों ने पूरी तरह अनसुनी कर दी। अब श्री कश्यप इस मसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की कवायद में जुट गए हैं। धनुर्जय कश्यप ने बताया कि वे फ र्जी बिलों, फ र्मों और व्यापारियों के नामों, बोगस किसानों की सूची तथा अन्य दस्तावेजी प्रमाण के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत जल्द भेजने वाले हैं।
वर्सन
यह जानकर हैरानी हुई कि बकावंड जनपद पंचायत के सीईओ ने पूर्व में मेरे द्वारा जारी किए गए आदेश पर अमल नहीं किया है। तुरंत सच्चाई का पता लगाकर एक्शन लूंगा।
प्रकाश सर्वे, सीईओ जिपं बस्तर।