Most Populous Country India : भारत ने आखिरकार चीन को पछाड़ ही दिया। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार आबादी के मामले में भारत चीन से आगे निकल गया है और अब दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बन गया है। चीन की आबादी १४२.५७ करोड़ है जबकि भारत की आबादी १४२.८६ करोड़ हो गई है। यदि भारत में इसी तरह दिन दुनी रात चौगुनी रफ्तार से आबादी बढ़ती रही तो जनसंख्या विस्फोट के खतरे को नहीं टाला जा सकेगा। भारत की बढ़ती आबादी वरदान है या अभिशाप इस बारे में तो विद्वान समाजशास्त्री ही सटिक विशषण कर पाएंगे लेकिन देश कि वर्त़मान हालातों को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि बढ़ती आबादी हमारे लिए मुसीबत खड़ी करेगी। संसाधन पहले ही सीमित है।
आज स्थिति यह है कि देश की एक चौथाई आबादी को बड़ी मुश्किल से खाना नसीब हो पाता है। पीने के पानी की समस्या भी साल दर साल विकट होती जा रही है। बढ़ती आबादी के साथ ही बेरोजगारों की फौज भी खड़ी हो रही है और दुनिया की कोई भी सरकार करोड़ों बेराजगारों को रोजगार मुहैय्या नहीं करा सकती। बढ़ती आबादी के साथ ही भुखमरी, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याएं और विकराल रूप धारण कर सकती है और इस चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा। अब समय आ गया है कि जनसंख्या विस्फोट के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए सरकार जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करें। इस मामले में पहले ही बहुत देर हो चुकी है लेकिन अब इसमें और विलंब करना राष्ट्रहित में नहीं है। जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध करने वाली पार्टियों के साथ सरकार चर्चा करें और इस मामले में सर्वसम्मित कायम कर कड़े कानूनी प्रावधान करें।
इस बारे में बाबा राम देव का यह सुझाव उचित है कि दो बच्चों से अधिक वाले परिवारों की न सिर्फ सभी शासकीय सुविधाएं बंद की जाएं बल्कि उन्हे मताधिकार से भी वंचित किया जाएं। इस तरह के कड़े कानूनी प्रावधान कर के जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाएगा तभी बढ़ती हुई आबादी पर प्रभावी रूप से अंकुश लग पाएगा। वरना वह दिन दूर नहीं दिखता जब बढ़ती आबादी के बोझ को उठाना इस देश के वश की बात नहीं रहेगी और हमें आने वाली पीढिय़ां इस अपराध के लिए कभी माफ नहीं करेगी। भारत चीन की तुलना में आर्थिक विकास में पिछड़ गया है.
जारी आंकड़ो के अनुसार चीन और भारत के आर्थिक विकास में बड़ा अतंर दिखाया गया है. हालांकि भारत में गरीबी में कमी देखी गई है. गरीबों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. भारत ने अब नाइजीरिया को पीछे छोड़ दिया है। बढ़ती आबादी से जुड़ी चिंताएं बहुत हैं. जनसंख्या के नए आंकड़े सामने आने के बाद जब चीन के विदेश मंत्रालय से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तब उनके प्रवक्ता ने कहा कि जनसंख्या का ज्यादा होना यानी पॉपुलेशन डिविडेंड असल में संख्या नहीं बल्कि उसके गुणी होने पर फायदेमंद होता है.
जैसे चीन के पास 90 करोड़ की स्किल्ड वर्कफोर्स आबादी (Most Populous Country India) है. ये तेजी से तरक्की करने में बहुत काम की है। भारत की 25 प्रतिशत आबादी 0-14 साल की आयु में है. यानी अगले दशक में इसमें से एक बड़ा हिस्सा वर्कफोर्स में शामिल होगा, जो इकोनॉमिक ग्रोथ में काम आ सकता है।