राजनांदगांव/नवप्रदेश। Monsoon Near : मानसून नजदीक है। मौसम विभाग आज-कल में ही बारिश की संभावना व्यक्त कर रहा है, ऐसे में किसानों को एक ही चिंता सता रही है। दरअसल, किसान धान की बुआई की तैयारी में हैं पर अभी तक पर्याप्त खाद का भंडारण नहीं होने से किसानों की चिंता बनी हुई है। समय पर खाद नहीं डालने से फसल पर असर पड़ेगा। इसलिए किसानों की ओर से बुआई के साथ डाले जाने वाले डीएपी खाद की बार-बार डिमांड की जा रही है।
प्रशासन की ओर से जल्द खाद आने की है खबर
प्रशासन की (Monsoon Near) ओर से जल्द ही डीएपी की रैक आने की खबर दी गई थी। सोसाइटी में आ रहे किसानों को यह कहकर लौटा दिया जा रहा है कि आज या फिर कल की स्थिति में खाद की रैक आ जाएगी पर अफसर स्पष्ट तिथि नहीं बता पा रहे हैं। जिले में वर्तमान में डीएपी की जितनी डिमांड है, उस हिसाब से आपूर्ति नहीं होने से संकट की स्थिति बनी हुई है।
इस मुद्दे को लेकर जिला किसान संघ की ओर से भी लगातार उठाया जा रहा है। हाल में किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने अफसरों से मुलाकात कर निजी दुकानों की जांच करने और खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि प्रशासन की ओर से निजी खाद गोदामों की अब तक जांच नहीं कराई गई है।
पिछले साल की गई थी कार्रवाई
बीते वर्ष खाद की कालाबाजारी का बड़ा खुलासा हुआ था। बड़े पैमाने में निजी फर्म को वितरण के लिए खाद मंगाया गया था, जिसे कलेक्टर के निर्देश में अफसरों की टीम ने अपने हैंडओवर में लेते हुए सीधे सोसाइटियों के लिए रवाना कर दिया था। यहां तक कुछ व्यापारियोें ने रैक प्वाइंट पर पहुंचकर विवाद भी किया था पर प्रशासन की ओर से सख्ती दिखाते हुए खाद को किसानों के लिए सोसाइटी भेज दिया था। खाद की बड़ी समस्या दूर हो गई थी।
पर्याप्त भंडारण करने की मांग
जिला किसान संघ के प्रमुख सुदेश टीकम का कहना है कि किसान समय पर खाद का भंडारण अपने पास कर लेंगे तो इन्हें खेती में परेशानी नहीं होगी। दरअसल बोनी के दौरान डीएपी खाद का छिड़काव करते हैं। इससे फसल में ग्रोथ आती है। किसान संघ की ओर से पर्याप्त खाद भंडारण की मांग की गई है। वहीं खाद की कालाबाजारी पर सख्ती बरतने भी मांग रख चुके हैं ताकि किसानों को नुकसान न उठाना पड़े।
वर्मी कम्पोस्ट की खपत
इधर सोसाइटियों में वर्मी कम्पोस्ट खाद को किसानों के लिए खरीदना जरूरी कर दिया गया है। इसलिए किसान इस खाद की खरीदी कर रहे हैं। इस वजह से इसकी खपत बढ़ गई है। कई किसान जो कि स्वयं की गोबर खाद तैयार करते हैं, वे भी मजबूरी में इस खाद की खरीदी कर उपयोग में ला रहे हैं तो वहीं कुछ जगहों पर वर्मी कम्पोस्ट में मिट्टी, कंकड, पत्थर की मिलावट होने की भी शिकायतें आ रहीं हैं। कृषि विभाग के उप संचालक जीएस धुरवे ने बताया कि कुछ जगहों पर खाद की कमी है पर जल्द रैक आने वाली है। इसके बाद परेशानी नहीं होगी।
तैयारी में जुटे हुए हैं किसान
इधर किसान खेती (Monsoon Near) की तैयारी में जुटे हुए हैं। खेतों में उग आए कंटीली झाड़ियों की सफाई का काम चल रहा है। अपने स्तर पर तैयार किए गए खाद को भी खेतों में डाल रहे हैं ताकि बुआई के दौरान इसे दूसरे खाद से मिला सके। धान के अलावा दूसरी फसल लेने वाले किसान भी खेत तैयार करने में जुटे हैं।