-नई सरकार का पहला बजट जुलाई हो सकता है पेश
नई दिल्ली। Modi 3.0 Budget: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में नौकरियों पर जोर दिए जाने की संभावना है। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना का विस्तार उन क्षेत्रों तक किया जा सकता है जहां अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। इसमें फर्नीचर, खिलौने, जूते और कपड़ा शामिल हो सकते हैं। इस योजना में कपड़ा उद्योग के और भी क्षेत्रों को शामिल किये जाने की संभावना है।
वहीं इस बजट में एमएसएमई सेक्टर का स्तर बढ़ाने, महिलाओं की आय बढ़ाने और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा सकता है। इनमें से कई मुद्दे सरकार के 100 दिन के एजेंडे का भी हिस्सा हैं। इसके अलावा वित्त मंत्रालय मध्यम वर्ग को कई रियायतें देने के बारे में भी सोच रहा है। यह रियायत होम लोन पर ब्याज दर सब्सिडी के तौर पर दी जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक बजट (Modi 3.0 Budget) पर चर्चा शुरुआती चरण में है और विस्तृत चर्चा अभी शुरू नहीं हुई है। पिछले सप्ताह मंत्री के कार्यभार संभालने के बाद से बजट पर विस्तृत चर्चा अभी शुरू नहीं हुई है। बजट से पहले सरकार विभिन्न हितधारकों से बातचीत करती है। यह चर्चा इसी सप्ताह शुरू होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन अधिकारियों को नई सरकार का 100 दिन का कार्य एजेंडा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाले दिनों में अर्थशास्त्रियों, कृषि निर्यातकों, बाजार भागीदारों, बैंकरों और ट्रेड यूनियनों से मुलाकात करेंगी।
एमएसएमई पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को राज्यों के वित्त मंत्रियों से मुलाकात करेंगी और बजट पर उनकी राय लेंगी। इसके बाद दोपहर में जीएसटी काउंसिल की बैठक होगी। पीएलआई योजना को और अधिक क्षेत्रों में विस्तारित करने का प्रस्ताव कुछ समय से विचाराधीन है। इसमें विशेष रसायन क्षेत्र भी शामिल है। यूरोपीय कंपनियाँ इस क्षेत्र में पीछे हट रही हैं। वे निवेश के आकार को लेकर चिंतित हैं। विदेशी कंपनियां इस पर सरकार से स्पष्टता चाहती हैं।
एमएसएमई पैकेज के विवरण को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन सरकार का लक्ष्य छोटी कंपनियों को मजबूत करना है। यह क्षेत्र कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। इसलिए बजट (Modi 3.0 Budget) में इस पर खास जोर दिए जाने की उम्मीद है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में रोजग़ार का मुद्दा प्रमुखता से उठा और कई पर्यवेक्षकों ने राय जताई कि इस मुद्दे पर भारी असंतोष के कारण बीजेपी बहुमत तक नहीं पहुंच सकी। महिलाओं की आय का स्तर बढ़ाने और कार्यबल में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कई सुझाव दिए गए हैं।