Site icon Navpradesh

MLA का आरोप- खाद की कृत्रिम कमी बताकर कांग्रेसी कर रहे कालाबाजारी

MLA's allegation – Congressmen are doing black marketing by saying artificial shortage of fertilizers

MLA

रायपुर/नवप्रदेश। MLA : पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल व सांसद  सुनील सोनी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के पास खाद का पर्याप्त भंडारण है इसके बाद भी सहकारी संस्थानों में खाद नहीं पहुंच पा रहा है जिसके कारण प्रदेश में खाद को लेकर हाहाकार  की स्थिति बनी हुई है। किसान महंगे दाम पर बाजार से  ब्लेक में खाद खरीदने को मजबूर है।

प्रदेश सरकार को ठहराया जिम्मेदार

MLA अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार खाद की कमी बताकर केवल केन्द्र सरकार पर आरोप मढ़ रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। प्रदेश सरकार के पास 15 जून 2022 की स्थिति में कुल 4,15,386 मैट्रिक टन खाद उपलब्ध था जिसमें यूरिया 2,27,407 मेट्रिक टन, डीएपी 46,432 मेट्रिक टन, एन.पी.के. 34,325 मीट्रिक टन, एम.ओ.पी. 19,856 मीट्रिक टन, एस.एस.पी. 87,366 मीट्रिक टन शामिल है। इन सबके बाद भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार केवल मात्र किसानों का हितैषी होने का दावा करके किसानों को छल रही है। उन्होंने कहा कि खाद की कालाबाजारी के पूरे कारोबार में सरकार व  कांग्रेसियों का संरक्षण है। केवल कृत्रिम कमी बताकर खाद की कालाबाजारी लगातार की जा रही है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य को पर्याप्त खाद उपलब्ध करवाया है लेकिन राज्य सरकार अपनी बदहाल व्यवस्था के चलते किसानों को खाद उचित मूल्य पर मुहैया नहीं करवा पा रही है। खाद की पर्याप्त स्टॉक होने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिलना इस साबित करता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसानों को लेकर जरा भी संवेदनशील नहीं है।

MLA ने कहा कि प्रति सप्ताह प्रदेश के अधिकारियों की केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ खाद की उपलब्धता को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक होती है और कभी भी प्रदेश की तरफ से खाद की कमी को लेकर केन्द्र सरकार को नहीं बताया गया है। इस मामले पर प्रदेश के कृषि मंत्री बिना जानकारी के कुछ भी कह जाते है और सहकारी मंत्री प्रदेश में कौन है किसी को पता ही नहीं है। मुख्यमंत्री किसानों के समस्या को देखने के बजाय केवल अपने दस जनपथ को खुश करने में व्यस्त हैं।

खाद के नाम पर मिट्टी और गोबर

प्रदेश में वर्मी कंपोस्ट खाद खरीदने के लिए किसानों पर दबाव डाला जा रहा है। एक एकड़ में करीब तीन बोरी अमानक वर्मी कंपोस्ट खरीदने को लेकर किसानों का भयादोहन किया जा रहा है । जिसमें घटिया स्तर के बिना लेबोरेटरी में टेस्ट वर्मी कंपोस्ट में मिट्टी, गोबर व पत्थर मिलाकर किसानों को दिया जा रहा है। 30 किलों के एक बैग में केवल 24 किलोग्राम ही खाद निकल रहा है। खाद के नाम पर प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि खाद की आपूर्ति को लेकर केन्द्र सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। इस संबंध में केन्द्र के अधिकारियों से चर्चा हुई है कहीं भी प्रदेश में खाद कमी नहीं है।

Exit mobile version