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संपादकीय: जानलेवा साबित हो रहा है डीजे का दुरूपयोग

Misuse of DJ is proving fatal

Misuse of DJ is proving fatal

Misuse of DJ is proving fatal: छत्तीसगढ़ में डीजे के दुरूपयोग के कारण अब न सिर्फ विवाद बल्कि खूनी संघर्ष की भी स्थिति निर्मित होने लगी है।

दुर्ग जिले के नंदनी में डीजे की तेज आवाज को लेकर विवाद इस कदर बढ़ा की आक्रोशित लोगों ने पीट-पीट कर तीन युवाकों की हत्या कर दी। मृतकों में दो सगे भाई है।

इस घटना के बाद पूरे गांव में तनाव का माहौल बन गया था और लोगों ने पुलिस प्रशासन की विफलता को लेकर थाने का घेराव भी कर दिया था। इसी तरह बालोद में भी डीजे को लेकर विवाद की स्थिति ही बन गई थी जहां तेज आवाज में डीजे बाजाया जा रहा था।

लोगो की शिकायत पर डीजे बंद करने पहुंची पुलिस के साथ भी कुछ लोग भीड़ गए। इस मामले में पुलिस ने दो लोगो को गिरफ्तार किया है।

वहीं क्षेत्र के हथखोज में एक बुजुर्ग धन्नु साहू ने अपने घर के सामने बनाए गए गणेश पंडाल में तेज आवाज से बजाए जाने वाले डीजे से तरस्त होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

मृतक हृदय रोगी था और उसका घर पर ही उपचार चल रहा था। इस तरह की दुखद घटनाओं से अब यह बात स्पष्ट हो चुकी है की डीजे का मनमाना उपयोग लोगों के लिए अब जानलेवा साबित हो रहा है।

इसलिए इस पर कड़ाईपूर्व रोक लगाना निहायत जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देषो का पालन कराने के लिए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में गणेश विर्सजन के दौरान डीजे लगी गाडियों पर रोक लगाई गई है जो स्वागत योग्य कदम है।

किन्तु अभी भी डीजे का मनमाना उपयोग हो रहा है और निर्धारित सीमा से ज्यादा तेज आवाज पर डीजे बजाया जा रहा है। ऐसे लोगो के खिलाफ प्रदेश स्तर पर अभियान चलाकर कड़ी कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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