जीआरपी दुर्ग ने मंगलवार को रेलवे स्टेशन में रह रहे किशोर व किशोरी को पकड़ा। दोनों को चाइल्ड लाइन दुर्ग के सुपुर्द किया गया। बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने पर पता चला कि वे लिव इन रिलेशन (Minor Live-in Relationship Case) में रह रहे थे। बाल कल्याण समिति ने दोनों नाबालिगों को अलग-अलग आश्रय गृह भेज दिया है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राकेश साहू ने बताया कि नाबालिग युवती को बालिका गृह राजनांदगांव और नाबालिग युवक को दुर्ग के आश्रय गृह में रखा गया है। दोनों के स्वजन को भी सूचना दे दी गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक युवक मुस्लिम है और दिल्ली का रहने वाला है, वहीं युवती दुर्ग की रहने वाली है। दोनों नाबालिग हैं और इंस्टाग्राम के माध्यम से उनकी दोस्ती हुई। दोस्ती होने के बाद युवक दुर्ग आया और दोनों करीब एक महीने से कातुलबोड क्षेत्र में किराए का एक मकान लेकर लिव इन रिलेशन (Minor Live-in Relationship Case) में रह रहे थे।
दोनों को जीआरपी दुर्ग ने मंगलवार सुबह दुर्ग रेलवे स्टेशन में पकड़ा। नाबालिग होने पर उन्हें चाइल्ड लाइन दुर्ग के सुपुर्द कर दिया गया। चाइल्ड लाइन ने दोनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। जांच में पता चला कि लिव इन रिलेशन (Minor Live-in Relationship Case) में रह रहे नाबालिग होटल में काम करते थे।
मकान का किराया देने के लिए पैसा नहीं होने के बाद किशोर, किशोरी को साथ लेकर दिल्ली जाने वाला था। दिल्ली में उसकी मां रहती है। दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने दोनों रेलवे स्टेशन दुर्ग पहुंचे थे, जहां जीआरपी के हत्थे चढ़ गए।

