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Manish Sisodia Resignation : मजबूरी का नाम इस्तीफा

Manish Sisodia Resignation: Resignation in the name of compulsion

Manish Sisodia Resignation

Manish Sisodia Resignation : शराब घोटाले के आरोप में सीबीआई के शिकंजेे में फंसने के बाद जब नई दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तब उन्हे अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा चूंकि मनीष सिसोदिया ने कथित नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया तो भ्रष्टाचार के आरोप में ही पिछले नौ माह से तिहाड़ जेल में बंद एक और मंत्री सत्येन्द्र जैन को भी मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए विवश होना पड़ा।

अब आम आदमी पार्टी के नेता इस दोनों मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर यह दावा कर रहे है कि उन्होने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। वे इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे पा रहे है कि सत्येन्द्र जैन कि नैतिकता नौ माह तक क्यों नहीं जागी। क्यों पूरी बेशरमी से मंत्री पद पर बने हुए थे और जेल में वीआईपी सुविधाएं पा रहे थे।

दरअसल नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह बात समझ में आ गई है कि शराब घोटाले में शामिल मनीष सिसोदिया भी अब लंबे समय तक तिहाड़़ जेल की शोभा बढ़ाएंगे। अभी तो उनके खिलाफ सीबीआई ने ही शिकंजा कंसा है इसके बाद मनीष सिसोदिया के खिलाफ ईडी भी कार्यवाही करेगी। ऐसी स्थिति में सत्येन्द्र जैन की तरह ही मनीष सिसोदिया का भी लगभग साल भर तक जेल में रहना तय है। अरविंद केजरीवाल सत्येन्द्र जैन को तो जेल में रहने के बावजूद बिना विभाग का मंत्री बनाकर रखे हुए थे लेकिन यदि वे मनीष सिसोदिया को भी मंत्री पद पर बरकरार रखते तो इससे उनकी छवि धुमिल पड़ती जो पहले ही एक के बाद एक आप नेताओं की गिरफ्तारी के कारण खराब हो चुकी है।

यही वजह है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और सतेन्द्र जैन के इस्तीफ ले लिए और उनके विभागों का अन्य दो मंत्रियों के बीच वितरण कर दिया लेकिन इन दोनों मंत्रियों के इस्तीफ के बाद अब यह सवाल भी उठ रहा है कि सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसोदिया को कट्टर ईमानदार बताने और उन्हे पद्मश्री पुरस्कार व भारत रत्न सम्मान का हकदार बताने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी इस्तीफा क्यों लिया। जाहिर है कि उनका इस्तीफा लेकर अरविंक केजरीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे ईमानदार नहीं बल्कि बेईमान है और उनका लंबे समय तक जेल में रहना और अपने किए की सजा पाना तय है।

अब तो आशंका इस बात की भी है कि निकट भविष्य में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी लपेटे में आ सकते है और अपने इन दो मंत्रियों की तरह वे भी जेल की शोभा बढ़ा सकते है। नई शराब नीति के लिए कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के मामले में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार किया था। सोमवार को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड हासिल कर ली थी। सीबीआई की इस कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार को सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दे दी। इसके बाद शाम को अचानक से सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेज दिया।

उधर, मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले नौ महीने से तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन ने भी इस्तीफा दे दिया। जैन ने लंबे समय तक जेल से ही स्वास्थ्य मंत्री का भी कामकाज संभाला था। हालांकि, बाद में उनसे स्वास्थ्य विभाग लेकर मनीष सिसोदिया को दे दिया गया था। सिसोदिया के पास दिल्ली के 33 में से 18 विभाग थे। अब चूंकि सिसोदिया खुद कानून के शिकंजे में फंसे हुए हैं। ऐसे में दोनों को मंत्री पद छोडऩा पड़ा।

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