Malaria cases decrease in chhattisgarh : भारत सरकार द्वारा जारी एपीआई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में यहां प्रति एक हजार की आबादी में…
रायपुर/नवप्रदेश। Malaria cases decrease in chhattisgarh : छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के खाते में एक और कामयाबी आई है। ये कामयाबी स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिली है। छत्तीसगढ़ में सालाना मलेरिया से पीडि़त होने वालों की औसत संख्या तेजी से घट रही है। पिछले पांच वर्षों (2015 से 2020 तक) में प्रदेश की एपीआई (एनुअल पैरासाइट इंसीडेंट) में सर्वाधिक 4.04 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
भारत सरकार द्वारा जारी एपीआई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में यहां प्रति एक हजार की आबादी में औसत 5.21 व्यक्ति मलेरिया (malaria cases decrease in chhattisgarh) से पीडि़त होते थे। बीते पांच वर्षों में घटकर अब यह मात्र 1.17 हो गई है। वर्ष 2005 में प्रदेश में प्रति एक हजार की जनसंख्या में मलेरिया के मरीजों की औसत वार्षिक संख्या आठ, 2010 में 6.14 और 2015 में 5.21 थी, जो अब घटकर केवल 1.17 हो गई है।
मलेरिया मुक्त बस्तर व छत्तीसगढ़ अभियान का व्यापक असर
प्रदेश में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा इन दोनों अभियानों के प्रभावी संचालन से मलेरिया पीडि़तों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत बस्तर संभाग के सातों जिलों में घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हजार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार और तीसरे चरण में दस लाख 58 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई है। इस दौरान पहले चरण में मलेरिया पीडि़त पाए गए 64 हजार 646, दूसरे चरण में 30 हजार 076 तथा तीसरे चरण में 14 हजार 828 लोगों का तत्काल उपचार किया गया था।
मौके पर ही इलाज शुरू
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की कामयाबी के बाद पूरे प्रदेश को मलेरिया से मुक्त करने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शरुआत की गई है। इसके तहत सरगुजा संभाग में पहले चरण में तीन लाख 70 हजार लोगों की मलेरिया जांच कर पॉजिटिव पाए गए लोगों का मौके पर ही इलाज शुरू किया गया था।
दो माह में ही 14.27 लाख से ज्यादा की जांच
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत दिसम्बर-2020 एवं जनवरी-2021 में बस्तर व सरगुजा संभाग के 2309 गांवों के कुल 14 लाख 27 हजार 358 लोगों की मलेरिया जांच की गई थी। अभियान के तहत सुदूर, दुर्गम, पहाड़ों व वनों से घिरे पहुंचविहीन गांवों में मलेरिया जांच के साथ विभिन्न बीमारियों का इलाज और नि:शुल्क दवाई वितरण किया गया था। अभियान के दौरान कई गांवों में बरसों बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी।