महराष्ट्र और हरियाणा कांग्रेस (maharashtra and haryana congress) में घमासान (tussle) मच गया है। इन दोनो ही राज्यों (in both states) में विधानसभा के चुनाव (vidhansabha election) होने जा रहे हैं। जहां कांग्रेस को भाजपा की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
किन्तु दोनों ही राज्यों (but in both states) में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस के भीतर कलह (conflict) शुरू हो गई है। हरियाणा (haryana) में तो पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने बगावती तेवर दिखाते हुए विधानसभा चुनाव के लिए बनी विभिन्न समितियों से इस्तीफ दे दिया है।
अशोक तंवर की नाराजगी से हरियाणा में कांग्रेस के लिए राह और कठिन हो जाएगी। हरियाणा में पहले ही कांग्रेस की हालत ठीक नहीं है। भूपेन्दर सिंह हुड्डा और अशोक तंवर के समर्थक आपस में उलझते रहे हैं। वहां कांग्रेस कई गुटों में बंट चुकी है। अब अशोक तंवर के नाराज होने से हरियाणा में कांग्रेस विधानसभा चुनाव के दौरान कैसा प्रदर्शन कर पाएगी यह कह पाना मुहाल हो गया है।
वरिष्ट कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने तो हुड्डा से यहांं तक कह दिया था कि हरियाण (haryana) में आखिर कांग्रेस कहां है। इधर महाराष्ट्र में भी कांग्रेस में जबर्दस्त असंतोष देखा जा रहा है। कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्र्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। अब मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम ने भी बगावत का बिगुल फंूक दिया है।
संजय निरूपम भी टिकट वितरण से सख्त नाराज हैं। उन्होने तो आरोप लगा दिया है कि कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के समर्थकों को षडयंत्र पूर्वक किनारे किया जा रहा है। संजय निरूपम ने यह भविष्यवाणी भी कर दी है कि महाराष्ट्र में दो तीन सीटों को छोड़कर बाकी सभी जगह कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो जाएगी। उन्होने कहा है कि कांग्रेस अब बर्बादी की तरफ बढ़ रही है ऐसी स्थिति में वे पार्टी छोड़ सकते हैं। महाराष्ट्र (maharashtra) और हरियाणा (haryana) में कांग्रेस अगर इसी तरह आपस में ही लड़ती रहेगी तो वह भाजपा का मुकाबला आखिर कैसे कर पाएगी।