नई दिल्ली/नवप्रदेश। Lok Sabha : विपक्ष की तरफ से कुछ सांसदों ने कहा तो केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि, ‘अरे आप यूं-यूं ही करते रहे। 50 साल में दिया नहीं। दिया नरेंद्र मोदी ने और उस पर आप सवाल करते रहतो हो। ऐसे-ऐसे हाथ करने से क्या होता है। ऐसे कुछ नहीं होता है। नरेंद्र मोदी ने दिया। अभी लोगों को देने की कोशिश चल रही है। अभी तो मिलने की शुरुआत हुई है। ये किसान क्रेडिट कार्ड किसानों का ये मिलाकर कर रहे हैं। ऊंची आवाज में बोलने से किसानों और मछुआरों का हित नहीं हो सकता। ये-ये करने से कुछ नहीं होता। देना पड़ता है। नरेंद्र मोदी ने दिया है।
आज ये नजारा लोकसभा (Lok Sabha) में प्रश्नकाल के दौरान देखने को मिला। दरअसल किसान क्रेडिट कार्ड के सवाल-जवाब के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आपस में भिड़ गए। नौबत यहां तक पहुंची कि विपक्षी सदस्यों की तरफ उंगली दिखाकर बात करने लगे। रुपाला विपक्ष के सांसदों की बात पर काफी नाराज हो गए और जोर-जोर से बोलने लगे। वे इस कदर नाराज थे कि विपक्षी सदस्यों की तरफ उंगुली दिखाकर बातें करने लगे। रुपाला जब बोल रहे थे तो डीएमके के सांसद दयानिधि मारन, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले भी से जोर-जोर से बोलते दिखे।
किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर मंत्री दे रहे थे जानकारी
दरअसल, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (Lok Sabha) किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर कुछ सवाल पूछ रही थीं, तभी रुपाला को गुस्सा आ गया और विपक्ष की तरफ हाथ उठाकर बोलने लगे। सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर मंत्री जानकारी दे रहे थे। रुपाला ने कहा कि केसीसी को लेकर कन्फ्यूजन चल रहा है।
केसीसी के बारे में सारे सांसदों और देशवासियों को बताना चाहता हूं, केसीसी किसानों के लिए था, वहीं पशुपालकों और मछुआरों को भी अब इसमें शामिल किया गया है। केसीसी का मकसद किसानों को 1.60 लाख रुपये तक का संस्थागत लोन देने का प्रावधान है। अब इसमें मछुआरों और पशुपालकों को भी शामिल किया गया है। हालांकि, अभी ये लागू नहीं हुआ है। उन्हें लोन देने की प्रक्रिया कुछ दिनों में चालू होगी।