LOKSABHA ELECTION 2024: एक दशक में आयोग ने बदल दी चुनाव की सारी प्रक्रिया
May 16, 2024

LOKSABHA ELECTION 2024: एक दशक में आयोग ने बदल दी चुनाव की सारी प्रक्रिया

LOK SABHA ELECTION 2024: Commission changed the entire election process in a decade

LOKSABHA ELECTION 2024

-भ्रष्टाचारियों पर बड़े कदमों ने ऐसे लगाम लगाई कि मिलने लगे चुनाव के बेहतर परिणाम

-लोकसभा चुनावः तीसरे चरण में तीसरी आंख से चप्पे-चप्पे पर नजर, कवर होगा संवेदनशील पूरा एरिया

नीरज उपाध्याय

रायपुर/नवप्रदेश। LOKSABHA ELECTION 2024: चुनावी प्रक्रियाओं में दशकों बाद काफी सुधार आते नजर आ रहा है। एक दशक पहले की स्थिति अब देखने को नहीं मिलती है। चुनाव आयोग ने इसके लिए लगातार प्रयास किया है। बूथ कैप्चरिंग, वोट पेटियों की लूट, मतदाताओं पर दबाव, वोटिंग के दिन दंगे-फसाद, खूनखराबा, आगजनी, गोलीबारी, बमबारी जैसे हथकंडे अब बीते दिनों की बात हो गई है। देश के कुछ ही राज्य में अब इक्का-दुक्का गाहे-बगाहे ऐसी घटना सुनने की मिलती हैं।

एक दशक में आयोग ने पलट कर रख दी पूरी प्रक्रिया

बता दें कि जिधर दम.. उधर बम.. और उधर ही चुनाव का परिणाम.. वाली स्थिति ने देश को विकास से दशकों पीछे छोड़ दिया था। राजा-महाराजाओं का देश, सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत, धर्म-अध्यात्म और साइंस में हजारों साल पहले से विश्व गुरु रहा हमारी मातृभूमि सैकड़ों साल की गुलामी से आजाद होने के बाद भी अपनी दूर्दशा पर आंसू बहा रही थी। लाखों बलिदानियों को भूलकर जिम्मेदार राजनेता मनमानी पर उतर आए, स्वार्थ में इतने डूबे कि देश की कीमती संपत्ति की लूट मचा दी, ऐसे में भारत माता की कराह साफ झलक रही थी। ऐसे में चुनाव आयोग ने अपनी कार्यप्रणाली में बेहतर बदलाव कर जनता के बीच उम्मीद से कहीं अच्छा परिणाम पेश किया। एक दशक में आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की छवि को पूरी तरह से सुधार कर रख दिया है। ऊच्चतम न्यायालय ने भी इस बात को माना है।

चुनावी प्रक्रिया को सुगम और निष्पक्ष बनाने ठोस निर्णय लिए

देश में चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और सुगम बनाने के लिए चुनाव आयोग ने योजनाओं, सुझावों पर बड़ी कड़ाई के साथ काम करने के निर्णय के साथ इस पर अमल किया। शांति के साथ जनप्रतिनिधि चुना जाए इसके लिए बड़े स्तर पर ठोस निर्णय लिए गए। शासन, प्रशासन के साथ ही आमजन के साथ मिलकर काम किया गया। राजनीतिक दबावों, संस्था, संगठनों, दबंगों की मनमानी पर लगाम रखने ऊच्च स्तर पर कड़े निर्णय लिए गए।

हिंसा को हथियार बनाने वालों पर लगाम

राजनीतिक, पारिवारिक, व्यक्तिगत लाभ के लिए नियम-कायदों की अनदेखी कर गड़बड़ी करने वाले, हिंसा को हथियार बनाने वाले ऐसे लोगों पर, ऐसी राजनीतिक पार्टियों पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए अब सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही प्रशासनिक अमले का पूरा उपयोग किया जा रहा है। चुनाव के दौरान जनता को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने, शांतिपूर्ण मतदान के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। इसके परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं।

राजनीतिक दलों पर कड़ी निगाह

स्वच्छ वातावरण में चुनाव संपन्न कराने के लिए आचरण संहिता के लागू होते ही अधिकारी-कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी दी गई। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ाई से कार्रवाई का पूर्ण अधिकार देते हुए चुनाव आयोग ने शहर से लेकर गांवों तक संभावित सभी महत्वपूर्ण जगहों पर जांच टीम तैनात करनी शुरू की। राजनीतिक पार्टियों, संगठनों, नेताओं सहित आमलोगों पर कड़ी निगाह रखनी शुरू की, तो समय से पहले ऐसे लोग पकड़ में आने लगे जो जनता को संभावित लालच देने की तैयारी में थे। इससे चुनावी प्रक्रिया साफ हुई। जनता में विश्वास जगा।

देश हित में ऊच्च स्तर की कार्रवाई

आयोग ने चुनावी प्रक्रिया का पूरी तरह से निष्पक्ष और साफ-सुथरा बनाने के लिए पहले किसी भी तरह की ऐसी कोई घटनाओं पर अंकुश लगाया गया। शिकायतों पर अनदेखी की बजाय सशस्त्र टीमों के माध्यम से निराकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। देश हित में राजनीतिक बाधाओं को रोकने के लिए ऊच्च स्तर की कार्रवाई की गई। प्रशासनिक दबावों की अनदेखी की गई। इससे कुछ साल में ही इसका परिणाम सामने आना लगा।

राज्यवार अति संवेदनशील, संवेदनशील क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित

चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव 2024 में किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं छोड़ी है। इसके लिए हर तरह की कोशिश की जा रही है। सुझावों पर तत्काल अमल किया जा रहा है। पूरे देश को राज्यवार अति संवेदनशील, संवेदनशील, सामान्य क्षेत्र में बांटकर बड़े निर्णय लिए गए। कई चरणों में चुनाव कराने की योजना बनी। इस बार सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं। इसका अच्छा रिजल्ट सामने आया है। हिंसा में कमी आई और जनता को सुरक्षा देने में हम सफल रहे।

ईवीएम के साथ वीवीपैट स्लीप सौ प्रतिशत कारगर

भ्रष्टाचार, हिंसा, जनता पर दवाब, खून-खराबे के साथ चुनाव परिणाम में गड़बड़ी को रोकने में, देश के लिए स्वच्छ छवि के जनप्रतिनिधि चयन में चुनाव आयोग की ईवीएम के साथ वीवीपैट स्लीप ने सौ प्रतिशत कारगर साबित हुआ है। इस सिस्टम ने चुनाव की लेंदी प्रोसेस में बड़ी राहत दी है। खर्च कम हुआ और समय की बजत होती है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि भारत के चुनाव आयोग ने देश के भविष्य को बेहतर करने में महति भूमिका निभाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सिस्टम को सही माना है।

अब चप्पे-चप्पे पर कैमरे की नजर

बता दें कि लोकसभा चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को हुआ था, दूसरा चरण 26 अप्रैल को, वहीं छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण में 7 मई को चुनाव होना है। उदाहरण के तौर पर देखें तो छत्तीसगढ़ में अब सामान्य क्षेत्र के तहत शहर में खास तरह से तैयारी की जा रही। जिला निर्वाचन आयोग ने चुनाव में गड़बड़ी, माहौल खराब करने वालों पर ध्यान रखते हुए खास तौर पर चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे निगरानी की योजना पर अमल किया जा रहा है।

न्यायधानी में 250 कैमरे

सात मई को मतदान होने है ऐसे में न्यायधानी बिलासपुर शहर में सीसीटीवी कैमरे की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। प्रमुख चौक-चौराहों पर 250 कैमरे से निगरानी की जाएगी। इतना ही नहीं नेहरू चौक से लेकर शहर के पांच जक्शन अग्रसेन चौक, सत्यम चौक, श्रीकांत वर्मा मार्ग, सीएमडी चौक व व्यापार विहार चौक में आइटीएमएस योजना के तहत सिग्नल और खास कैमरे लगाए गए हैं। इससे साफ है कि इस बार सीसीटीवी कैमरे चुनाव में निगरानी रखने का काम करेंगी। पुलिस के माध्यम से एक-एक गतिविधियों पर अभी से ही नजर रखी जा रही है।

इंटेलिजेंट ट्रैफिक एवं मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग

स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इंटेलिजेंट ट्रैफिक एवं मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग बिलासपुर शहर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इंटेलिजेंट ट्रैफिक एवं मैनेजमेंट सिस्टम को लगे दो साल से भी अधिक का समय हो गया है। इसका अब उपयोग किया जाएगा। एक तरह से ये चुनाव में निगरानी रखना इंटेलिजेंट ट्रैफिक एवं मैनेजमेंट सिस्टम के लिए परीक्षा की घड़ी है।

टीम है कार्रवाई के लिए सक्रिय

दरअसल पहले से ही ट्रैफिक सिस्टम को सही करने के लिए कैमरे से नजर रखी जा रही थी।फिलहाल अनैतिक व ट्रैफिक नियमों के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए टीम सक्रिय है जो ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है।

बुलेट पर बैलेट भारी

छत्तीसगढ़ चुनाव आयोग, पीआरओ विकास शर्मा से मिली जानकारी अनुसार मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले स्वयं नियंत्रण कक्ष की गतिविधियों से अवगत हो रहीं हैं। चुनाव की साफ और स्वच्छ प्रक्रिया को पूरी करने के लिए कमांड एंड कमांड सिस्टम के तहत मतदान केंद्रों के अंदर और बाहर कैमरे लगाए जा रहे हैं।

त्रुति रहित मतदान के लिए पारदर्शिता बनाए रखने वेब कास्टिंग के जरिए नजर रखी जा रही है। इससे कोई भी गड़बड़ी की आशंका में, शिकायत पर तत्काल पहल की जा सके। अब नई-नई टेक्नालॉजी के उपयोग से आमजन को तत्काल सूचनाएं भी मिल जाती हैं। मतदान के लिए साधन और सुविधाएं भी सुगमता से पहुंच रही है। उदाहरण सामने है कि इस बार मतदान के दौरान नक्सली घटना नहीं हुई। बुलेट पर बैलेट भारी पड़ा है।

कमांड सेंटर में 16 बड़ी स्क्रीन से सीधी तस्वीरें

कमांड सेंटर में 16 बड़ी स्क्रीन पर एक साथ 144 मतदान केंद्रों की वेब कास्टिंग के जरिए लाइव वीडियो देखी जा सकती है। स्क्रीन पर जिलावार एवं विधानसभावार हर 30 सेकंड में मतदान केंद्र स्क्रीन पर बदल जाते हैं जिससे सभी मतदान केंद्रों से आए वीडियो को बारी-बारी से देखा जा सके। तीसरे और अंतिम चरण में 7 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान के दौरान 7856 मतदान केंद्रों से लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। इस प्रकार तीनों चरणों के लिए कुल 11910 मतदान केंद्रों पर मतदान की गतिविधियों की सीधी तस्वीरें देखने की सुविधा दी गई है।

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