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संपादकीय: हिंडनबर्ग कंपनी पर लगा ताला

Lockdown on Hindenburg Company

Lockdown on Hindenburg Company

Lockdown on Hindenburg Company: भारत के खिलाफ लगातार अभियान चलाने वाली हिंडन बर्ग रिचर्स कंपनी पर आखिरकार ताला लग ही गया। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के पहले ही हिंडन बर्ग ने अपना बोरिया बिस्तर लपेट लिया है। हिंडन बर्ग ने हाल ही में भारत के बड़े कारोबारी गौतम अडानी के खिलाफ तथा शेयर बजार नियामक संस्था सेबी के विरूद्ध एक रिपोर्ट जारी की थी। जिससे शेयर बाजार में हडकंप मच गया था और अनेक शेयर धारकों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा था।

हिंडन बर्ग की इस विवादास्पद रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने गौतम अडानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और उनके गिरफ्तारी की भी मांग उठानी शुरू कर दी थी। हिंडन बर्ग की रिपोर्ट के चलते संसद सत्र में भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। जिसके चलते संसद की कार्रवाई बाधित हुई थी।

बहरहाल अब हिंडन बर्ग की दुकान पर ताला लग जाने से भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया दी है कि यह कंपनी भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत के खिलाफ थी।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने कहां है कि हिंडन बर्ग का कारोबार बंद होने का यह मतलब नहीं है कि गौतम अडानी को क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस अभी भी इस बात पर अड़ी हुई है कि हिंडन बर्ग की रिपोर्ट में बेहद गंभीर आरोप लगाए गए है जिसकी जेपीसी से जांच करानी जरूरी है। इस बीच यह खबर भी सामने आई है हिंडन बर्ग को जार्ज सोरेस फाइनेंस करते थे जिनका उद्देश्य भारत में सरकार के खिलाफ माहौल बनाना था।

इसीलिए विश्व पटल पर भारत को बदनाम करने के लिए हिंडन बर्ग का उपयोग कर रहे थे। इधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद ही यह घोषणा कर दी थी कि राष्ट्रपति पद का शपथ लेने के बाद वे हिंडन बर्ग के खिलाफ जांच बिठाएंगे। यही वजह है कि उनके शपथ लेने के पहले ही हिंडन बर्ग के संस्थापक नाथन एडंर्सन ने अपनी कंपनी को बंद करने की घोषणा कर दी।

अब सवाल यह उठता है कि हिंडन बर्ग की भ्रमक रिपोर्ट के कारण भारत के जिन निवेशकों को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा था उसकी भरपाई कैसे हो पाएगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप अपने वादे के अनुरूप हिंडन बर्ग के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराएंगे ताकि उसके किए की सजा मिल पाए।

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