Lakhimpur Scandal : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में चार किसानों सहित आठ लोगों की दर्र्द नाक मौत को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजा राशि घोषित कर दी है और इस मामले की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की भी घोषणा कर दी है। लेकिन घटना के चार दिनों के बाद भी अब तक इस मामले में एक भी गिरफ्तारी न होने से पीडि़त पक्ष यह सवाल उठा रहा है कि आखिर कब आरोपियों की पहचान होगी और उन्हें पुलिस गिरफ्तार करेगी। यही बात विपक्ष के नेता भी कह रहे हैं जो पीडि़त पक्ष से जाकर उनका दर्द बांट रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी में पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को साथ लेकर लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Scandal) में पीढि़त परिवारों से भेंट की औैर उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके साथ न्याय होगा और इसके लिए कांग्रेस पार्टी लड़ाई लड़ेगी। पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने मृतक के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। अन्य पार्टियों के नेता भी लखीमपुर खीरी जा रहे हैं और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने ही अपनी गड़ी से किसानों को कुचला है। उनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट भी दर्ज की गई है। किन्तु केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा यह दावा कर रहे है कि उनका बेटा घटना स्थल पर था ही नहीं। यह कोई बड़ी बात नहीं है। पुलिस बड़ी आसानी से मोबाइल की पड़ताल कर लोकेशन मालूम कर सकती है लेकिन लगता है कि पुलिस को दबाव के बीच वे काम करना पड़ रहा है। यही वजह है कि इस घटना को लेकर एक के बाद एक कई वीडियों सामने आने के बावजूद पुलिस ने अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की है।
इससे किसानों में भी रोष गहराता जा रहा है। किसान नेता राकेश टीकैत ने जिन्होंने इस घटना के बाद प्रशासन और पीडि़त परिवारों के बीच समझौता कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने ने भी अब तिखे तेवर अपनाते हुए चेतावनी दी है कि यदि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को मंत्री से हटाया नहीं जाता और उनके बेटे को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो किसान संगठन इस मुद्दे को लेकर लड़ाई लडऩे के लिए बाध्य होगा। विपक्षी नेताओं की लगातार मांग के बावजूद केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे रहे है।
जबकि कायदे से नैतिकता के आधार पर उन्हें अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए और जैसे की वे दावा कर रहे है कि उनका बेटा बेकसूर है तो यदि वह जांच में निर्दोष पाया जाता है तो वे फिर से मंत्री बन सकते हैं। बहरहाल अब सुप्रीम कोर्ट ने भी लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Scandal) को स्वत: संज्ञान लिया है और उत्तर प्रदेश सरकार से जबात तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने याचिका दायर कर इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। यूपी सरकार को चाहिए कि वह मामले की जांच सीबीआई के हवाले करने की सिफारिश करें।