लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन (India and China) के बीच सीमा विवाद (Border dispute) के चलते जो तनाव की स्थिति पैदा हुई है। उससे भारत और चीन के बीच जंग की संभावना अभी भी बनी हुई है। हालांकि भारत के कठोर रूख को देखते हुए चीन बैकफुट पर आ गया है और वह आपसी बात-चीत के जरिए इस मसले को हल करने की बात कर रहा है।
भारत ने गलवान में अपने 20 जवानों की शाहदत के बाद जो तिखे तेवर है और उन जवानों की शहादत का बदला लिया है। उससे चीन यह समझ गया है कि इस नये भारत से टकराना उसके लिए कतई आसान नहीं है। भारत ने चीन को न सिर्फ सैन्य शक्ति दिखाई है बल्कि चीन की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने का भी इंतजाम कर दिया है।
कुटनीतिक स्तर पर भी भारत ने चीन को पाकिस्तान की तरह ही दुनिया से अलग-थलग करने में कामयाबी हासिल कर ली है आज चीन के साथ पाकिस्तान को छोड़कर दुनिया का कोई भी देश नहीं है। जबकि भारत के पक्ष में अमेरिका, रूस, जापान, ईजराइल और ऑस्टे्रलिया सहित कुल 26 देश भारत के साथ आ गए है।
भारतीय सेना भारत और चीन के बीच हजारों किलोमीटर लंबी सीमा रेखा पर पुरी तरह तैयार है और चीन के किसी भी दुससाहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पुरी तरह मुस्तैद है। भारत के सामने चीन घुटने टेकने पर मजबुर हो गया है यह देखकर पाकिस्तान घबरा गया है।
भारतीय सेना के पराक्रम से बढ़कर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने आनन-फानन में उच्च स्तरीय बैठक लेकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। पाकिस्तान को यह भय सता रहा है कि जब भारत चीन को सबक सिखाने के लिए इतनी व्यापक तैयारी कर सकता है तो पाकिस्तान को तो वह मच्छर की तरह मसल सकता है।
इसके बावजूद पाकिस्तान अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है और कश्मीर में अपने गुरगों के जरिए आतंकवाद की आग को हवा देने की कोशिशों से तौबा नहीं कर रहा है। बेहतर होगा कि पाकिस्तान इस तरह की हरकते छोड़ दे वरना उसे इसका ऐसा खांमियाजा भुगतना पड़ेगा जो उसकी आने वाली कई पीडिय़ां याद करेगी।