चंडीगढ़ । kisan andolan: केंद्र सरकार के कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन कानूनों के विरोध में रिलायंस जियो के टावर में तोड़फोड़ मामले पर पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को नोटिस जारी करके आठ फरवरी तक केंद्र और पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।
रिलायंस की तरफ से सोमवार को दायर याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आज सुनवाई के दौरान केंद्र और पंजाब सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। नोटिस का जबाव आठ फरवरी तक देना है।
रिलायंस की तरफ से हाजिर वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष चोपड़ा ने कहा,“ किसान आंदोलन (kisan andolan) की आड़ में उपद्रवियों ने 1500 टावरों को नुकसान पहुचाया गया, जिससे एक करोड़ 40 लाख लोग प्रभावित हुए। रिलायंस का आरोप है कि तोड़फोड़ के लिए इन उपद्रवियों को उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों ने अपने निहित स्वार्थ के कारण उकसाया।
किसान आंदोलन (kisan andolan) को मोहरा बनाकर रिलायंस के खिलाफ लगातार एक कुटिल, दुर्भावनायुक्त और विद्वेषपूर्ण अभियान चलाया है। कृषि कानूनों से रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है।”
पंजाब सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार ने 1019 गश्ती दल और सभी जिलों में 22 नोडल अधिकारी तैनात किए हैंं, जो रिलायंस की संपत्ति को हुए नुकसान का जायजा लेगें और आगे किसी तरह की कोई क्षति नहीं हो,इस पर निगरानी रखेंगे।
केंद्र की तरफ से अतिरिक्त सालिसिटर जरनल सत्यपाल जैन सुनवाई के दौरान न्यायालय में मौजूद थे। एडवोकेट जरनल नंदा ने न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार इस मामले में पूरी तरह गंभीर है। संपत्तियों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो इसका ध्यान रखा जायेगा और आरोपितों पर पूरी कार्रवाई की जा रही है।