नयी दिल्ली । rajyasabha: किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में मंगलवार को भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाई बुधवार तक स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले सभापति एम वेंकैया नायडू और उप सभापति हरिवंश ने हंगामे के कारण सदन की बैठक तीन बार स्थगित कर दी थी।
विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन (rajyasabha) की बैठक शुरू हाेने पर शून्यकाल और प्रश्नकाल तथा इसके बाद भी किसानों के आंदोलन के मुद्दे उठाए थे। विपक्ष का कहना था कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है और इस पर सदन के सारे कामकाज स्थगित कर चर्चा की जानी चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि कल इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
इसलिए सदस्यों को इसे नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने सदस्यों से बार बार इस मुद्दे पर जोर नहीं देने का अनुरोध किया। इससे पूर्व इस मामले पर चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी दल के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दल के सदस्य सदन में आ गए और हंगामा करने लगे।
श्री नायडू ने कहा कि सदस्य इस मामले पर सदन (rajyasabha) से वाकआउट कर गए थे और उन्हें प्रश्नकाल के दौरान सदन को अव्यवस्थित नहीं करना चाहिए। उन्होंने सदस्यों से सहयोग करने का अनुरोध किया और कहा कि वह कल सदन में इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
इससे पहले शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दू शेखर राय, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम तथा कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया था।
गौरतलब है कि किसान केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हुए हैं और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।