Jammu and Kashmir : जम्मू कश्मीर से ३७० के खात्मेे के बाद से अपना आपा खो चुकी जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती केन्द्र सरकार के खिलाफ लगातार हल्ला बोलती रही है। अब उन्होने कश्मीर में बेजा कब्जा हटाने के लिए की जा रही कार्यवाही का विरोध किया है। उन्होने कश्मीर में बुलडोजर के जरिए अवैध निर्माणों को ढहाए जाने की प्रक्रिया का विरोध करते हुए कहा है कि कश्मीर को अफगानिस्तान बनाया जा रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री रहते हुए महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर की बेशकीमती जमीनों पर बेजा कब्जे करवाए थे।
उनकी सरकार में मंत्री रहे दो नेताओं के अवैध निर्माण बुलडोजर से तोड़े गए है। इसीलिए महबूबा मुफ्ती बिलबिला रही है। गौरतलब है कि फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्रित्व काल में कश्मीर में सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीनों पर बेजा कब्जे कर के भवन और शापिंग कांप्लेक्स आदि खड़े कर दिए गए थे। अवैध कब्जा करने के मामले में हुर्रिरत के नेता भी पीछे नही थे। अब प्रशासन इन सभी बेजा कब्जों को सख्ती पूर्वक हटा रहा है। नतीजतन महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला इस कार्यवाही का विरोध कर रहे है। कश्मीर प्रशासन को इनके विरोध को दरकिनार करते हुए अपनी कार्यवाही और तेज करनी चाहिए। महबूबा मुफ्ती दरअसल उस खिसियानी बिल्ली की तरह है जो खम्भा नोंचती है।
पाकिस्तान की भाषा बोलने वाली महबूबा मुफ्ती को ३७० खत्म होने के बाद कश्मीर घाटी में कायम हुई शांति भी रास नहीं आ रही है। कश्मीर में बेजा कब्जों को हटाकर जो विकास कार्य कराया जाएगा उससे वहां के नागरिकों को सुविधाएं मिलेंगी लेकिन महबूबा मुफ्ती को यह भी पसंद नहीं है। बेजा कब्जों को लेकर उनका यह बयान उनकी विकास विरोधी सोच को दर्शाता है। महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) को देश का ताज कहा जाता था लेकिन आज ये मुश्किलों से गुजर रहा है। इनकी हेट पॉलिटिक्स की शुरुआत जम्मू कश्मीर से होती है। इस समय जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर अफगानिस्तान जैसा लगेगा क्योंकि वहां बुलडोजऱ है। मुफ्ती ने कहा कि 370 खत्म करने के बाद हमारी पहचान खत्म हुई है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जो हो रहा है वो एक्सट्रीम है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में बॉम्बिंग की और एक बार मे उड़ा दिया। मेरे हिसाब से किसी स्टेट में इतने बुलडोजऱ नहीं गए होंगे जितने जम्मू-कश्मीर में चल रहे हैं।