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संपादकीय: घुसपैठियों के खिलाफ अभियान चलाना जरूरी

It is necessary to run a campaign against infiltrators

necessary to run a campaign against infiltrators

Necessary to run a campaign against infiltrators: मुंबई में प्रसिद्ध फिल्म कलाकार सैफ अली खान के घर में घुसकर उन पर चाकुओं से हमला करने वाला आरोपी बांग्लादेशी घुसपैठिया निकला, जो मुंबई में नाम बदल बदलकर रह रहा था और भारत का नागरिक बनने के लिए फर्जी पहचान पत्र बनाने की फिराक में था इस घटना के बाद से मुंबई में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान तेज करनी की मांग उठ रही है।

कुछ समय पूर्व ही महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में घुसपैठियों के खिलाफ अभियान चलाया था जिसके तहत कुछ लोगों की पहचान भी हुई थी बाद में यह अभियान सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह गया।

अब जबकि ऐसे ही एक बांग्लादेशी घुसपैठिए ने मुंबई के सबसे पाश इलाके में जाकर और तमाम सुरक्षा व्यवस्था को ठेंगा दिखाकर आधीरात के बाद सैफ अली खान के घर में घुसकर उनपर चाकू से हमला कर दिया और इस घटना को लेकर विपक्षी पार्टियों ने मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की तब कहीं जाकर सरकार हरकत में आई है।

मुंबई की तरह ही देश की राजधानी नई दिल्ली में भी लाखों की संख्या में घुसपैठ करके आने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या एक लंबे अरसे से वहां बसे हुए हैं। इन घुसपैठियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए नई दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर को निर्देशित किया है कि नई दिल्ली में भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लोदेशी संगीन अपराधों में शामिल हो सकते हैं इसलिए उनके खिलाफ अभियान चलाया जाये सभी बांग्लादेशी की जांच की जाये।

गौरतलब है कि नई दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं और ऐसी स्थिति में वहां रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए चुनाव प्रक्रिया में खलल डाल सकते हैं। इसी आशंका को मद्देनजर रखकर नई दिल्ली के एलजी ने घुसपैठियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है।

बात सिर्फ मुंबई और नई दिल्ली की ही नहीं है देश के अन्य महानगरों और शहरों में भी बड़ी संख्या में बांग्लोदशी और रोहिंग्या घुसपैठिए बस गये हैं और इनमें से ज्यादातर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं। यहां तक की इन्हें अपना वोट बैंक बनाने के लिए कई राजनीतिक पार्टियां इन्हें फर्जी मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड तक उपलब्ध करा देती हैं। बंगाल में तो वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक दशक के शासनकाल के दौरान ऐसे लाखों घुसपैठियों को बसाकर उन्हें मुलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध करा दी है।

इसके पहले की इन घुसपैठियों के कारण देश में अशांति फैले केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह इन घुसपैठियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाये। संबंधित राज्य सरकारों को भी इनके खिलाफ अपना अभियान तेज करना चाहिए। अन्यथा आने समय में बांग्लादेशी और रोहिंग्यां घुसपैठिए देश के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द साबित होंगे।

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