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संपादकीय: तुर्किये के खिलाफ भारतीयों की आर्थिक स्ट्राइक

Indians' economic strike against Turkey

Indians' economic strike against Turkey

Indians’ economic strike against Turkey: भारत और पाकिस्तान के बीच हालांकि संघर्ष विराम हो गया है लेकिन भारत की पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्ट्राइक लगातार जारी है। भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को चौबीस घंटों के भीतर देश छोडऩे का आदेश दे दिया है। वहीं दूसरी ओर भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाकर पिछले 21 दिनों से पाकिस्तानी सेना की गिरफ्त में रहने वाले बीएसएफ के जवान पूर्णम शाह की सकुुशल रिहाई करा ली है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत विश्व मंच पर सबूत की पेश करने जा रहे हैं।

कुल मिलाकर पाकिस्तान को भारत चौतरफा घेरने की कवायद में जुटा हुआ है। पाकिस्तान के खिलाफ तो कार्यवाही की ही जा रही है लेकिन अब पाकिस्तान का साथ देने वाले देशों के खिलाफ भी भारतीयों ने ही आर्थिक स्ट्राइक करना शुरू कर दिया है। इस क्रम में भारतीय व्यापारियों के संगठनों ने तुर्किये के साथ व्यापार करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने तुर्किये से आने वाले सेब, ड्राइफूड और मार्बल का बहिष्कार कर दिया है। इन व्यापारिक संगठनों ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह तुर्किये के साथ किये गये व्यापारिक समझौते पर पुनर्विचार करे और इस समझौते को तोड़ दे। यही नहीं तुर्किए जाने वाले भारतीय पर्यटकों ने भी अपनी यात्रा रद्द करानी शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि हर साल लाखों भारतीय पर्यटन के लिए तुर्किए जाते रहे हैं। किन्तु भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर चलाये जाने के दौरान तुर्किए ने पाकिस्तान की मदद की थी और उसे सैकड़ों ड्रोन दिए थे। हालांकि उन सारे ड्रोनों को भारतीय सेना ने निष्प्रभावी कर दिया था किन्तु दुश्मन देश का साथ देने के कारण भारतीयों में तुर्किए के खिलाफ गुस्या देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जब दो साल पहले तुर्किए में भूकंप आया था और इसकी वजह से वहां हजारों लोगों की मौत हो गई थी तब भारत ने ही आपरेशन दोस्त चलाकर सबसे पहले तुर्किए की मदद की थी। किन्तु वहीं तुर्किए अब हमारे दुश्मन देश का दोस्त बन गया है।

ऐसे में भारतीयों ने अब तुर्किए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भारतीय पर्यटकों के यात्रा रद्द किये जाने से चिंतित तुर्किए की सरकार ने भारतीयों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा रद्द न करें। तुर्किए में भारतीय पर्यटकों को पूरा सम्मान दिया जाएगा और सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

किन्तु इस अपील के बाद भी भारतीय पर्यटक तुर्किए से किनारा कर रहे हैं। यदि केन्द्र सरकार तुर्किए के साथ हुए व्यापारिक समझौते को रद्द कर देती है तो तुर्किए को भारी नुकसान होगा। गौरतलब है कि भारत और तुर्किए के बीच सालाना दस हजार करोड़ रुपए का कारोाबार होता है। खासतौर पर भारतीय पर्यटकों से ही तुर्किए को मोटी कमाई होती है। इसी तरह अब पाकिस्तान के एक और मददगार चीन के खिलाफ भी भारतीयों ने अभियान चला दिया है और चीनी समानों का बहिष्कार होने लगा है। भारत सरकार समझौते से बंधी हुई है।

इसलिए वह चीन से व्यापार बंद नहीं कर सकती लेकिन जब यहां के व्यापारी ही चीनी समानों का आयात नहीं करेंगे तो चीन की अर्थव्यवस्था पर भी गहरी चोट लगेगी। कुल मिलाकर पाकिस्तान का साथ देने वाले देशो के खिलाफ की जाने वाली यह आर्थिक स्ट्राइक उन देशो के लिए घातक साबित होगी।

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