–इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अद्र्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं के लिये एचडीएफसी बैंक के साथ साझेदारी की
-आईपीपीबी के 4.7 करोड़ से ज्यादा ग्राहक अब एचडीएफसी बैंक के उत्पादों और सेवाओं तक पहुँच सकेंगे
-650 शाखाओं और 136,000 से ज्यादा बैंकिंग एक्सेस पॉइंट्स के नेटवर्क का इस्तेरमाल करेगा
नई दिल्ली। India Post Payments Bank: इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) और एचडीएफसी बैंक ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। इस एमओयू के तहत अद्र्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में आईपीपीबी के ग्राहकों के लिये बैंकिंग के विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की पेशकश की जाएगी। यह भागीदारी बैंकिंग से वंचित और कम सेवा-प्राप्त वर्गों पर केन्द्रित है। आईपीपीबी के 4.7 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों में से लगभग 90′ ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, जिन्हें इस भागीदारी से फायदा मिलने की उम्मीद है।
इस रणनीतिक गठबंधन से आईपीपीबी (India Post Payments Bank) अपने ग्राहकों के लिये अपनी अभिनव डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस के माध्यम से जैसे फाइनेंस तक पहुँच सहित किफायती और विविधतापूर्ण पेशकश कर सकेगा। माइक्रोएटीएम और बायोमेट्रिक डिवाइसेस से लैस लगभग 200,000 डाक सेवा प्रदाताओं (पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों) के साथ आईपीपीबी विभिन्न ग्राहक वर्गों की जरूरतें पूरी करता है।
लेकिन बैंकिंग के एक सहायता-प्राप्त मॉडल द्वारा अंतिम मील तक डिजिटल को अपनाया जाना आसान बनाने के लिये भी प्रतिबद्ध है। इस भागीदारी के साथ एचडीएफसी बैंक का लक्ष्य भारत में 650 शाखाओं और 136,000 से ज्यादा बैंकिंग एक्सेस पॉइंट्स के आईपीपीबी के मजबूत और व्यापक वितरण तंत्र का इस्तेमाल कर अपने वित्तीय समावेशन को और भी मजबूती देना है।
इस एमओयू के बारे में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (India Post Payments Bank) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री जे. वेंकटरामू ने कहा, बैंकिंग को ग्राहकों के दरवाजे पर लाकर आईपीपीबी देशभर में वित्तीय समावेशन के परिदृश्य को लगातार बदलकर नया आकार दे रहा है। हमारा प्रयास है एक संगठित प्लेटफॉर्म बनाना, जो नागरिकों पर केन्द्रित विभिन्न सेवाओं की पेशकश करे। इसमें डोरस्टेप तक क्रेडिट भी शामिल है।
इसके लिये हम लेंडिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर डिजिटल टेक्नोलॉजीज और डाटा के वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल करेंगे। एचडीएफसी बैंक के साथ यह महत्वपूर्ण भागीदारी एक समावेशी, डिजिटल से चलने वाले और सामाजिक बैंकिंग के परितंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।