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संपादकीय: मालदीव सरकार आ गई घुटनों पर

India-Maldives: Responding to Maldives, China gave advice to India..

Maldives

Maldives: भारत आज की तारीख में कितनी बड़ी ताकत बन चुका है। इसका अब मालदीव को अहसास हो गया है। जहां के राष्ट्रपति चीन के समर्थक बताए जाते हैं। अरब सागर मेें सामरिक दृष्टि से मालदीव बेहद महत्वपूर्ण देश है। मालदीव के साथ भारत के संबंध बेहतर रहे हंै। मालदीव की मुसीबत मेें भारत ने उसकी हर संभव मदद की थी। कोरोना काल में भी भारत ही मालदीव का सबसे बड़ा मददगार बना था। किन्तु मालदीव में चुनाव के बाद सत्ता बदली और वहां के राष्ट्रपति ने चीन के साथ प्रगाढ़ संबंध बनाने शुरू कर दिए।

इससे भारत की सेहत पर तो कोई असर नहीं पड़ा लेकिन जब हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया और सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की फोटो शेयर कर पर्यटन के लिए लक्षद्वीप को एक बेहतर स्थान बताकर एक तरह से उसकी मार्केटिंग कर दी तो मालदीव सरकार सकते में आ गई। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव का नाम भी नहीं लिया था और न ही उन्होंने मालदीव से लक्षद्वीप की तुलना की थी।

इसके बावजूद मालदीव की भारत विरोधी सरकार के नुमाइंदे कूद कर इस नतीजे पर पहुंच गए कि भारत सरकार मालदीव के पर्यटन उद्योग को चौपट करना चाह रही है। मालदीव के तीन मंत्री मरियम शिउना, मालशा और हसन जिहान ने सोशल मीडिया पर भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मजाक उडाते हुए आपत्तिजनक पोस्ट कर दी। इसपर भारत ने तो अधिकृत रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन भारतीयों को मालदीव सरकार में शामिल तीन मंत्रियों की आपत्तिजनक पोस्ट में इतना आहत किया कि लोगों ने मालदीव की यात्रा ही स्थगित कर दी।

देखते ही देखते दो दिनों के भीतर ही हजारों लोगों ने मालदीव की फ्लाइट कैंसल कर और वहां बुक किए गए होटल की बुकिंग भी रदद् कर दी। इससे मालदीव सरकार न सिर्फ घबरा गई बल्कि घुटनों पर आ गई वहां के राष्ट्रपति ने भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों को मंत्रिमंडल से निकाल दिया। मालदीव सरकार ने बकायदा बयान जारी कर यह सफाई दी। भारत और भारतीय पीएम के बारे में उन मंत्रियों ने जो टिप्पणी की थी वे उनके निजी विचार हैं।सरकार उनकी बातों से सहमत नहीं है।

इसके बावजूद भारत में सोशल मीडिया पर बायकाट मालदीव ट्रेंड कर रहा है। मालदीव जाने वाले भारतीय लगातार अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं। मालदीव की जगह अब लोग लक्षद्वीप जाने का कार्यक्रम बना रहे हैं। भारत के प्रसिद्ध क्रिकेटरों और फिल्म स्टारों ने भी मालदीव की जगह लक्षद्वीप जाने के लिए लोगों को पे्ररित करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि मालदीव सरकार के होश उड़ गए हंै। गौरतलब है कि मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग पर ही टिकी हुई है। वहां वैसे तो दुनिया भर से पर्यटक आते हैं लेकिन सबसे ज्यादा 18 प्रतिशत पर्यटक भारत से जाते हैं।

यदि भारतीयों ने मालदीव का बायकाट कर दिया तो मालदीव का पर्यटन उद्योग तहस नहस हो जाएगा। भारत की देखा देखी अन्य मित्र राष्ट्र भी यदि मालदीव से किनारा करने लगे तो मालदीव की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो जाएगी। यही वजह है कि मालदीव सरकार अब भारत से तीन मंत्रियों से हुई गुस्ताखी के लिए माफी मांग रही है और भारत के साथ बेहतर संबंधों की दुहाई दे रही है।

लेकिन अब तीर कमान से निकल चुका है बात इतनी बिगड़ चुकी है कि वह फिर से बनना मुश्किल है। चीन के बहकावे में आकर मालदीव की नई सरकार ने भारत विरोधी रूख अख्तियार कर पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मारी है बल्कि कुल्हाड़ी पर ही अपना पैर दे मारा है। अब उसे इसका खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा रही बात भारतीय पर्यटकों की तो अब उनके लिए मालदीव की जगह लक्षद्वीप बेहतर विकल्प बन चुका है। जहां की यात्रा मालदीव के मुकाबले कम खर्चीली है।

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