कभी फहराया जाता था काला झंड़ा आज लगे भारत माता की जयकारे
जगदलपुर/दंतेवाड़ा/नवप्रदेश। Independence Festival : नक्सलियों के गढ़ बस्तर के इंद्रावती में पहली बार तिरंगा लहराया। जवानों ने झंडा फहराया और भारत माता की जय के नारे लगाए। इस दौरान स्कूली बच्चों ने ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ गाना गाया। यह स्वतंत्रता दिवस के दिन बस्तर के इंद्रावती नदी पार के दर्जनों गांव के हजारों ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पलों के साक्षी रहे।
इधर, दंतेवाड़ा स्क्वाड डॉ अभिषेक पल्लव (Independence Festival) ने कहा कि यह इस इलाके की बदलती हुई तस्वीर है। आने वाले कुछ महीनों में इस इलाके को नक्सल मुक्त किया जाएगा। यहां अमन, चैन और शांति स्थापित होगी। आपको बता दें कि इस पूल के निर्माण काम को संभव बनाने पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने न सिर्फ खास पहल की बल्कि उनकी भूमिका भी बेहद अहम है।
इंद्रावती नदी पर छिंदनार में पुल फहराया तिरंगा
इस साल का 75वां 15 अगस्त बस्तर की इंद्रावती नदी के आसपास के ग्रामीणों, स्कूली बच्चों और पुलिस अधिकारियों के लिए बेहद खास रहा। दंतेवाड़ा जिले की इंद्रावती नदी पर छिंदनार में बना ये पुल जिसे माओवादियों का सुरक्षा कवच माना जाता है। 15 अगस्त को पहली बार इस पुल पर आजादी का जश्न मनाया गया है। सुरक्षा जवानों के सख्त पहरे के बीच इलाके के स्कूली बच्चों ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया।
छात्रों ने हाथों में तिरंगा लेकर निकाली रैली
दरअसल, कभी इन इलाकों में नक्सली देश (Independence Festival) विरोधी नारा लगाते थे। लेकिन आज यहां भारत माता की जय-जयकार के नारे लगे हैं।निस्संदेह यह नजारा बहुत ही रोमांचक और आंखों को सुकून देने वाला क्षण था। जब 15 अगस्त की सुबह स्कूली बच्चों ने जवानों की सुरक्षा के बीच झंडा फहराकर सलामी दी, उसके बाद राष्ट्रगान गाया। इस मौके पर बच्चों ने हाथों में तिरंगा लिए सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा गाना गाया। उसके बाद रैली भी निकाली गई।
कभी फहराया जाता था काला झंड़ा
आपको बताते चले कि इंद्रावती नदी पार का इलाका पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में है। स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस, नक्सली इन इलाकों में ग्रामीणों को इकठ्ठा कर काला झंडा फहराया करते थे। यहां नक्सलियों की माड़ डिवीजन और इंद्रावती एरिया कमेटी के कई बड़े हथियारबंद नक्सली सक्रिय हैं। यही वजह थी कि इन इलाकों के ग्रामीण देश की आजादी का जश्न नहीं मना पाते थे, लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अब छिंदनार-पाहुरनार घाट में पुल बन गया है। इसी पुल के ऊपर तिरंगा फहराया गया।
पुल बनाने की मांग पर कर दी थी सरपंच की हत्या
इंद्रावती नदी (Independence Festival) पार के पाहुरनार गांव के सरपंच पोसेराम ने नदी पर पुल बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसी वजह से नक्सलियों ने सरपंच पोसेराम की हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं नक्सलियों ने पोसेराम के पूरे परिवार को भी गांव छोडऩे को मजबूर कर दिया था, लेकिन अब इसी पाहुरनार घाट पर पुल बन गया है। जिससे ग्रामीण आसानी से आना-जाना कर रहे हैं।