Inclusive Budget : केन्द्र सरकार का आम बजट निश्चित रूप से दूरदर्शी और समावेशी बजट है। पहली बार इस बजट से मध्यम वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को राहत मिली है। मोदी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में हर साल नौकरी पेशा मध्यम वर्ग के लोग टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद पालते थे लेकिन उनकी उम्मीदों पर हर बार तुषारापात हो जाता था लेकिन इस बार सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रख कर ही सही लेकिन सरकार ने टैक्स पेयरों को राहत दी है।
अब टैक्स छूट की सीमा पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख कर दी गई है। इसके बाद तीन लाख से छह लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत, छह लाख से नौ लाख की आय पर दस प्रतिशत, नौ लाख से बारह लाख तक पंद्रह प्रतिशत और पंद्रह लाख से अधिक वार्षिक आय पर तीस प्रतिशत आयकर लगेगा। इससे देश के लगभग सवा दो करोड़ करदाताओं की जेब में लगभग एक सौ तीस करोड़ रूपए आएंगे। निश्चित रूप से मिडिल क्लास के लिए यह एक बड़ी सौगात है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और इसके लिए बजट में दस लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र के लिए १.२५ लाख करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
कृषि ऋण की सीमा बढ़ाकर बीस लाख करोड़ रूपए कर दी गई है जिससे देश के अन्नदाता किसानों को लाभ मिलेगा। कृषि स्टार्टअप योजना को भी प्रोत्साहित करने की घोषणा की गई है। गांव गरीब और किसानों की सुध लेने की हर संभव कोशिश की गई है जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। पड़ौसी देशों पाकिस्तान और चीन से खतरे को मद्देनजर रखकर रक्षा बजट में भी बढ़ौतरी की गई है और इस बार ५.९३ करोड़ रूपए का रक्षा बजट बनाया गया है।
बजट में महिलाओं और बुजुर्गो को भी नियामतों से नवाजा गया है। महिलाओं के लिए महिला सम्मान बचत पत्र बनाने की घोषणा की गई है जिसमें दो लाख रूपए तक की जमा राशि पर सात प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। इसी तरह साठ साल से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को अब उनकी जमापंूजी पर आठ प्रतिशत तक का ब्याज मिलेगा और उनकी जमा राशि भी १५ लाख से बढ़ाकर तीस लाख रूपए कर दी गई है। रेलवे का भी बजट बढ़ाया गया है। रेलवे के लिए २.४४ लाख करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है और अमृत भारत स्टेशनों का विकास करने के साथ ही हाईड्रोजन ट्रेन चलाने का निर्णय भी लिया गया है।