वॉशिंगटन/ नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि कोरोना वायरस (corona virus) ‘कोविड-19’ के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) को दो साल में 90 खरब डॉलर का नुकसान होगा। यह राशि भारत के पूरे साल के सकल घरेलू उत्पाद के तीन गुणा से भी अधिक है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन प्रतिशत की गिरावट आयेगी
आईएमएफ और विश्व बैंक (IMF and World Bank) की आज से शुरू हुई ग्रीष्मकालीन बैठक के पहले दिन ‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य’ रिपोर्ट जारी करने के बाद आयोजित इस वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) में तीन प्रतिशत की गिरावट आयेगी जो 1930 की ‘महामंदी’ के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। उन्होंने कहा कि यदि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को वर्ष 2020 और 2021 में 90 खरब डॉलर का नुकसान होगा।
तीन महीनों में दुनिया में नाटकीय बदलाव
श्रीमती गोपीनाथ ने कहा, तीन महीने पहले आईएमएफ (IMF) ने आर्थिक विकास परिदृश्य पर अपनी पिछली रिपोर्ट जारी की थी। इन तीन महीनों में दुनिया में नाटकीय बदलाव आया है। जिस वृहद पैमाने पर और जिस तेजी से अर्थव्यवस्थायें धराशायी हुई हैं वह हमारे जीवनकाल में अभूतपूर्व है। हमने जनवरी में इस साल वैश्विक विकास दर 3.3 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था। अब उसे 6.3 प्रतिशत घटकर तीन प्रतिशत ऋणात्मक करना पड़ रहा है।
विकसित देशों में 16 प्रतिशत की गिरावट
उन्होंने बताया कि 90 साल पहले आयी महामंदी के दौरान विकसित देशों में 16 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी थी जबकि विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में इस साल छह फीसदी की गिरावट का अनुमान है। उस समय आर्थिक आंकड़े आज की तरह उपलब्ध नहीं थे, लेकिन अनुमान है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10 फीसदी की गिरावट आयी थी।