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IIT Madras ने भारत के पहले स्वदेशी मोटर चालित व्हीलचेयर वाहन का किया विकास

IIT Madras Develops India’s First Indigenous Motorized Wheelchair Vehicle

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IIT Madras: भारत में कुल 3 लाख व्हीलचेयरों की सालाना बिक्री में 2.5 लाख का आयात

-समान सुविधाओं वाले व्हीलचेयर केवल विश्वबाजार में उपलब्ध और तीन से पांच गुना अधिक महंगे

चेन्नई। IIT Madras: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने भारत के पहले स्वदेशी मोटर चालित व्हीलचेयर वाहन का विकास किया है जिसका उपयोग न केवल समतल सड़कों पर बल्कि उबड़-खाबड़ रास्तों पर भी किया जा सकता है। ‘नीयोबोल्ट‘ नामक ये व्हीलचेयर 25 किमी प्रति घंटा तक की तेजी से चल सकते हंै और एक चार्ज पर 25 किमी जा सकते हैं। व्हीलचेयर पर चलने वालों के लिए ये कार, ऑटोरिक्शा या मोडिफाइड स्कूटर की तुलना में बाहर जाने का कहीं अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और सस्ता साधन है। लिथियम-आयन बैटरी चालित नीयोबोल्ट एक चार्ज पर 25 किमी तक जाएगा।

विकास की पूरी प्रक्रिया में आईआईटी-एम (IIT Madras) के शोधकर्ताओं ने लोकोमोटर अपंगता से पीड़ित लोगों के लिए कार्यरत संगठनों और अस्पतालों का पूरा सहयोग लिया और उनके अनुभवों को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट का विकास किया और डिजाइन में निरंतर सुधार किया।
‘नियोबोल्ट‘ विकसित करने वाली टीम की प्रमुख आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रो. सुजाता श्रीनिवासन हैं और इसे ‘नीयोमोशन‘ नामक स्टार्टअप के सहयोग से व्यावसायिक रूप दिया जा रहा है। स्टार्टअप की सह-संस्थापक प्रो. सुजाता श्रीनिवासन स्वयं और आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र श्री स्वास्तिक सौरव हैं जो नीयोमोशन के सीईओ भी हैं।


गौरतलब है कि प्रो. सुजाता श्रीनिवासन भारत के पहले स्वदेशी डिजाइन के स्टैंडिंग व्हीलचेयर ‘अराइज‘ विकसित करने वाली टीम की प्रमुख भी हैं और यह व्हीलचेयर इस पर बैठे इंसान को खड़ा होने में सक्षम बनाता है। इन प्रोडक्ट के विकास की दूरदृष्टि जाहिर करते हुए टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डेवलपमेंट (आर2डी2), आईआईटी मद्रास की शिक्षा प्रमुख प्रो. सुजाता श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘हमारे केंद्र की दूरदृष्टि भारत के अपंगों की जिन्दगी बदलना है। इसके लिए हम उपयोगी और किफायती सहायक साधनांे का विकास करते हैं। आप कितनी बार किसी स्कूल, कार्यालय, दुकान या थिएटर में व्हीलचेयर पर किसी को आते देखते हैं? दरअसल व्हीलचेयर पर इंसान आमतौर घर की चारदीवारी में सिमट कर रह जाता है। वह समुदाय से अलग-थलग हो जाता है और अर्थव्यवस्था में योगदान देने की उसकी क्षमता बहुत कम हो जाती है।’’

इसके अतिरिक्त प्रो सुजाता श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘नीयोमोशन स्टार्ट-अप की शुरुआत आर2डी2 से की गई जिसे आईआईटी मद्रास ने इनक्युबेट किया। ये व्हीलचेयर भारत और पूरी दुनिया के लिए डिजाइन किए गए और भारत में बने हैं जो अपंग लोगों की दुनिया बदल देंगे और उन्हें विश्वस्तरीय सुविधाएं देंगे।‘‘

स्टार्ट-अप ने लोगों को स्वस्थ और अच्छी जीवनशैली देने के लिए ‘नीयोफ्लाई’ नामक व्यक्तिगत व्हीलचेयर डिजाइन और व्यावसायिक रूप से लॉन्च किया है। इसे 18 तरह से कस्टामइज किए जा सकते हैं इसलिए उपयोग करने वाले की हर तरह की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह सबसे सटीक साबित होगा।

‘‘नीयोफ्लाई उपयोगकर्ता के लिए कस्टमाइज किया जाने वाला पहला भारतीय व्हीलचेयर है। यह अधिक आराम, अधिक कारगर ‘प्रोपल्शन’, चलाने में अधिक आसानी और बेहतर अर्गोनॉमिक्स देने के लिए बना है। मोटर चालित अटैचमेंट, नीयोबोल्ट नीयोफ्लाई को सुरक्षित, हर तरह की सड़क योग्य वाहन बना देता है जो किसी भी तरह के रास्ते पर जा सकता है और आम तौर पर हम तरह के रास्ते पर जाते हैं जैसे कच्ची सड़क या खड़ी चढ़ाई वाले रास्ते। यह हर रास्ते पर आराम से चलता है क्योंकि इसमें झटके सहने के लिए सस्पेंशन लगा है,’’ प्रो. सुजाता श्रीनिवासन ने कहा।

नीयोबोल्ट जैसे फीचर वाले प्रोडक्ट केवल विश्वबाजार में उपलब्ध हैं और वे कम से कम तीन से पांच गुना अधिक महंगे हैं।
वर्तमान में इनके चलन पर विस्तार से बताते हुए नीयोमोशन के सह-संस्थापक और सीईओ श्री स्वास्तिक सौरव दास ने कहा, ‘‘वर्तमान में भारत के 28 राज्यों के 600 से अधिक लोग नियोफ्लाई और नीयोबोल्ट का उपयोग कर रहे हैं। इनके बारे में उनकी राय बहुत सकारात्मक रही है। डेमो यूनिट पूरे भारत के प्रमुख शहरों में मौजूद 15 डीलर आउटलेट और चार पुनर्वास केंद्रों में उपलब्ध हैं। हमारे यूनिक नीयोफिट सिस्टम के साथ रिमोट कस्टमाइजेशन की सुविधा है ताकि नीयोफ्लाई अच्छी तरह से फिट हो कर उपयोगकर्ता के दरवाजे पर पहंुचे।’’

इसके अतिरिक्त श्री स्वास्तिक सौरव दास ने कहा, ‘‘प्रोडक्ट पर वारंटी के साथ हम स्पेयर पार्ट्स और बिक्री के बाद सेवाएं देते हैं ताकि लोग बिना किसी परेशानी हमारे उत्पादों का उपयोग करें। वर्तमान में हम उत्पादन बढ़ाने और पूरे भारत में लोगों तक नीयोफ्लाई और नीयोबोल्ट उपलब्ध कराने पर जोर दे रहे हैं। नीयोफ्लाई व्यक्तिगत व्हीलचेयर की कीमत 39,900 रु. हैं और नीयोबोल्ट मोटराइज्ड ऐड-ऑन 55,000 रु. में उपलब्ध है। हम आसान ईएमआई का विकल्प भी देते हैं। हमारे प्रोडक्ट लेने के इच्छुक लोग हमारी वेबसाइट पर रजिस्टर कर केवल 1,000रु. में इसका ऑर्डर प्री-बुक कर सकते हैं।’’

यह अनुमान है कि भारत में सालाना लगभग तीन लाख व्हीलचेयर की बिक्री है जिनमें से 2.5 लाख आयात किए जाते हैं। भारत में बिकने वाले कुल व्हीलचेयरों में लगभग 95 प्रतिशत ‘वन-साइज-फिट-ऑल‘ हैं जिसके चलते कई समस्याएं होती हैं जैसे गतिशीलता में कमी, उपयोगकर्ता के स्वास्थ्य को नुकसान और आत्मविश्वास में कमी। आईआईटी मद्रास की टीम ने ‘नीयोफ्लाई‘ और ‘नीयोबोल्ट‘ का विकास कर इन समस्याओं को दूर करने का इरादा जाहिर किया है।

नीयोफ्लाई प्रत्येक पुश पर तीन से पांच गुना अधिक दूर जाता है क्योंकि इसमें सही पोस्चर, मजबूत फ्रेम और एर्गोनोमिक पुशरिम है। बैठने की बराबर जगह होने के बावजूद 30 प्रतिशत कम फुटपिं्रट होने से यह अधिक संकीर्ण स्थानों तक पहुंचता है। इसकी डिजाइन उपयोगकर्ता के शरीर के अनुरूप होती है इसलिए व्हीलचेयर कम उपयोगकर्ता अधिक दिखता है। हर एक नीयोफ्लाई के साथ खास डिजा़इन का नीयोकुशन दिया जाता है जिससे त्वचा की सुरक्षा, स्थिरता और कहीं आना-जाना अधिक आसान होता है।

मोटर चालित क्लिप-ऑन नीयोबोल्ट नीयोफ्लाई को सुरक्षित, हर रास्ते में चलने योग्य वाहन बना देता है। यह व्हीलचेयर पर बैठे इंसान को बाहर की दुनिया में जाने और जिन्दगी देखने में सक्षम बनाने के लिए खास तौर से डिजाइन किया गया है। उसे अन्य वाहनों में स्थानांतरित करने की लाचारी नहीं रहती है और उपयोगकर्ता कुछ सेकेंड में इसे स्वतंत्र रूप से जोड़ सकता है।

नीयोफ्लाई के खास फीचर:

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