रायपुर/नवप्रदेश। स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का आज 56 वी पुण्यतिथि पर देश सहित प्रदेश में उन्हें याद किया गया। राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छग विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरण दास महंत ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है।
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने शास्त्री को भारतरत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। राज्यपाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एवं ‘जय जवान जय किसान’ के प्रणेता भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी को पुण्यतिथि पर सादर नमन। उनका सादगीपूर्ण जीवन एवं उच्च नैतिक मूल्य हम सभी के लिए सदैव प्रेरक आदर्श रहेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि (Lal Bahadur Shastri)पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अतुल्य योगदान दिया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महत्वपूर्ण आन्दोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही और इसके कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। उनके जय जवान-जय किसान के नारे ने जवानों के बलिदान के साथ अन्नदाता किसानों की मेहनत को भी सम्मान दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्री जी ने अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया, उनके जीवन मूल्य हमेशा सब को प्रेरित करते रहेंगे। “जय जवान, जय किसान” का उद्घोषक देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री, “भारतरत्न” श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि !
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण करते हुए नमन किया।स्पीकर डॉ महंत ने कहा लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) एक प्रसिद्ध भारतीय राजनेता, महान् स्वतंत्रता सेनानी और जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। वे एक ऐसी हस्ती थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश को न सिर्फ सैन्य गौरव का तोहफा दिया बल्कि हरित क्रांति और औद्योगीकरण की राह भी दिखाई। शास्त्री जी किसानों को जहां देश का अन्नदाता मानते थे। वहीं देश के सीमा प्रहरियों के प्रति भी उनके मन में अगाध प्रेम था जिसके चलते उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया।
भारतरत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। देश के पहले प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे पीएम बने।
1964 में जब वह प्रधानमंत्री बने थे तब देश खाने की चीजें आयात करता था। उस वक्त देश उत्तरी अमेरिका पर अनाज के लिए निर्भर था। 1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा। उन्होंने अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता खाद्यान्न मूल्यों को बढ़ने से रोकना है। तब के हालात देखते हुए उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की,जिसे पूरे देश ने माना। इन्हीं हालात से उन्होंने हमें ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया।