गुड़गांव/नवप्रदेश। मोटर साइकिल निर्माता कंपनी होंडा (honda) के मानेसर (manesar) स्थित प्लांट (plant) से बुधवार को करीब 400 से अधिक कर्मचारियों (more than 400 workers) को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया (sack) । कंपनी के ठेकेदारों की तरफ से यहां काम न होने का बहाना बना कर नोटिस लगा दिया। इसमें वर्करों से कहा गया है कि तीन महीने के लिए घर चले जाए या हिसाब ले लें, जब काम होगा तो बुला लिया जाएगा।
इस नोटिस के पीछे मंदी (recession) को वजह बताया गया है। जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, वे 10-10, 12-12 साल से प्लांट में काम करते आ रहे थे। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने 400 से अधिक कर्मचारियों (more than 400 workers) को होंडा (honda) के प्लांट से निकाले जाने (sack) का विरोध किया है।
वर्कर गुहार लगाने लगे तो कंपनी ने बलाई पुलिस: सीटू
सीटू पदाधिकारियों ने जारी एक बयान में कहा कि मंदी (recession) के नाम पर होंडा प्लांट, मानेसर (manesar) से 400 से अधिक वर्करों को, जो कि 10-10/12-12 साल से कार्यरत थे, गैर कानूनी ढंग से निकाला गया है और सीआईटीयू उसकी घोर निंदा करता है।
उन्होंने बयान में आरोप लगाया कि अब तक इस कंपनी से 500 से ज्यादा वर्करों को निष्कासित किया जा चुका है। इस बात को लेकर 1800 से ज्यादा वर्कर कंपनी के प्रसाशनिक भवन के सामने जा कर अपने रोजगार को बचाने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन कंपनी ने बड़ी तादाद में पुलिस बल को बुला लिया।
सीटू नेताओं ने पीएम मोदी को भी घेरा
सीटू नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरों पर हैं, वहीं हरियाणा सरकार अपने शपथ समारोह में तल्लीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की आर्थिक नीतियों ने देश को बरबादी के कगार पर लाकर खड़ा किया है और रोजगार देना तो दूर, लोगों को बेरोजगार बनाया जा रहा है। होंडा की एक कंपनी से आज चार कंपनियां हो गई हैं, मगर मजदूरों का भविष्य अधर में लटक गया है।