लेबर कानून: समय पर सैलरी, ओवरटाइम के लिए डबल पैसे, महिलाओं को बराबर वेतन; नए लेबर कानून लागू!
नई दिल्ली। Labour Law Compliance: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फ़ैसला लिया और तुरंत प्रभाव से चार लेबर कोड लागू कर दिए। इसके साथ ही, 29 पुराने लेबर कानून इतिहास में जुड़ गए हैं और लेबर सेक्टर में एक नए युग की शुरुआत हुई है। नए लेबर कानून के तहत, सभी सेक्टर में मिनिमम वेज कानूनी तौर पर लागू होगा और समय पर वेतन देना, ओवरटाइम के लिए डबल वेतन देना और महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने और बराबर वेतन देना ज़रूरी होगा। इससे देश भर के 40 करोड़ वर्कर्स को फ़ायदा होगा और उन्हें सोशल सिक्योरिटी की गारंटी मिलेगी।
नए कानून में पहली बार गिग वर्क, प्लेटफ़ॉर्म वर्क और एग्रीगेटर्स को साफ़ तौर पर बताया गया है और वर्कर की सुरक्षा के लिए एक ‘ऑक्यूपेशनल सेफ़्टी एंड हेल्थ बोर्ड’ बनाया जाएगा, जबकि शिकायत सुलझाने के लिए एक फ़ास्ट-ट्रैक सिस्टम और 2 सदस्यों वाला ट्रिब्यूनल बनाया जाएगा। इस बारे में लेबर मिनिस्ट्री की तरफ़ से एक ऑफि़शियल नोटिफि़केशन जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ पर कुछ पोस्ट जारी करके यह जानकारी दी। उसके बाद लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने भी एक प्रेस कॉन्फ्ऱेंस की और नए कानूनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नए लेबर कोड के लागू होने से लेबर कानून एक जैसे हो गए हैं। इससे देश के 40 करोड़ वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी की गारंटी मिलेगी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सरकार की तरफ़ से नोटिफ़ाई किए गए चार लेबर कोड आज़ादी के बाद के सबसे बड़े और एडवांस्ड लेबर रिफ़ॉर्म हैं। इससे इंडस्ट्रीज़ को बढ़ावा मिलेगा और रोजग़ार बढ़ेगा। 40 साल से ज़्यादा उम्र के वर्कर्स के लिए फ्ऱी हेल्थ चेक-अप, खतरनाक इंडस्ट्रीज़ में 1 एम्प्लॉई होने पर भी ईएसआईसी ज़रूरी। कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले एम्प्लॉइज़ को परमानेंट एम्प्लॉइज़, छुट्टी, मेडिकल सुविधाएँ वगैरह जैसे सभी फ़ायदे देने ज़रूरी हैं।
ग्रेजुएशन अब एक साल में लागू होगा
जर्नलिस्ट, डिजिटल मीडिया एम्प्लॉइज़, डबिंग आर्टिस्ट, स्टंटमैन को भी इसमें शामिल किया गया है।
ये हैं नए लेबर कोड
- वेज कोड, 2019 आई इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, 2020 आई सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 आई ऑक्यूपेशनल सेफ़्टी, हेल्थ और वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020
नए लेबर कानूनों से किन वर्कर्स को फ़ायदा होगा?
- खतरनाक इंडस्ट्रीज़ में काम करने वाले वर्कर्स के लिए हेल्थ सिक्योरिटी
- गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स (डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर) भी सोशल सिक्योरिटी स्कीम में शामिल
- एम्प्लॉई को अपॉइंटमेंट लेटर देना ज़रूरी है

