Sai government: इस साल हिंदी दिवस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस की पढ़ाई राष्ट्रभाषा हिंदी में कराने की घोषणा की है।
निश्चित रूप से यह साय सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। गौरतलब है कि दो साल पूर्व फरवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा शुरू किए जाने की मंशा जाहिर की थी।
इसके बाद नई शिक्षा नीति में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई हिंदी भाषा में भी करने का प्रावधान किया गया था। इसके अनुरूप राजस्थान में पहले इंजीनियरिंग की और उसके बाद मेडिकल की भी हिंदी में पढ़ाई कराने की घोषणा की गई।
दूसरे भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश में भी हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा शुरू कराने की घोषणा की गई और अब छत्तीसगढ़ में भी साय सरकार ने नए शिक्षण सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी भाषा में भी उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी है। इसके लिए पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में इस समय दस शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय है। जहां हिंदी में चिकित्सा शिक्षा शुरू होने जा रही है। हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होने का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों को होगा जिनमें से अधिकांश छात्र-छात्राएं हिंदी मीडियम से पढ़ाई करते हैं और अंग्रेजी भाषा का पर्याप्त ज्ञान न हो पाने के कारण वे प्रतिभाशाली होने के बावजूद एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं कर पाते।
अब चूंकि एमबीबीएस की पढ़ाई मातृ भाषा हिंदी में भी होगी तो हिंदी मीडियम से पढऩे वाले छात्रों के लिए भी मेडिकल की पढ़ाई करना आसान हो जाएगा। इससे प्रदेश में चिकित्सकों की कमी भी दूर होगी। चूंकि इन सभी मेडिकल कालेजों में अब सीटें भी बढ़ाई जाएगी।
छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में हिन्दी भाषी विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए साय सरकार (Sai government) का यह ऐतिहासिक फैसला वास्तव में किसी वरदान से कम नहीं है। साय सरकार का यह निर्णय न सिर्फ स्वागत योग्य है बल्कि अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है।